Bihar Flood Relief Scheme: राहत शिविर में बेटा हुआ तो 10 और बेटी हुई तो 15 हजार रुपए देगी नीतीश सरकार

पटना. बिहार के बाढ़ राहत शिविरों (Bihar Flood Relief Camp) में रह रहीं गर्भवती महिलाओं को बेटा होने पर 10 हजार रुपये और बेटी होने पर 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि राज्य सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है, इसलिए राज्य सरकार की तरफ से बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि सभी प्रभावित लोगों को राहत मिले, इसके लिए हर जरूरी इंतजाम (Bihar Flood Relief Scheme) किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की तरफ से बाढ़ प्रभावित प्रति परिवार को 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. साथ ही बाढ़ राहत शिविरों में सभी प्रभावित लोगों के आवासन, भोजन आदि का प्रबंध किया गया है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से ख्याल रखा जा रहा है.

मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान नीतीश कुमार ने गंगा नदी के किनारे बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा भी किया. भागलपुर, खगड़िया और बेगूसराय के बाढ़ प्रभावित इलाकों का स्थल निरीक्षण के साथ-साथ सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ राहत शिविर और बाढ़ से बचाव के लिए सरकार के द्वारा किए गए इंतजामों का भी जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ राहत शिविर का पूरा प्रबंधन ठीक रखें. उन्होंने कहा कि हवाई सर्वेक्षण के क्रम में हमने देखा है कि काफी संख्या में लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, इसलिए जरूरत के मुताबिक राहत शिविरों की संख्या बढ़ाएं, ताकि प्रभावित लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो.

सीएम नीतीश ने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों में लोगों की संख्या भी सीमित रखें ताकि लोगों को रहने में कोई असुविधा न हो. मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों से सामुदायिक रसोई में मिलने वाले भोजन के संबंध में जानकारी ली. बाढ़ राहत चिकित्सा शिविर, सामुदायिक रसोई (Bihar Flood Relief Scheme) आदि का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिए. नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का हम लगातार दौरा कर रहे हैं. इसके साथ ही स्थल निरीक्षण कर बाढ़ राहत शिविरों की स्थिति की भी जानकारी ले रहे हैं. हम प्रतिदिन बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति की जानकारी लेते रहते हैं और आवश्यक गाइडलाइन्स भी जारी किये जाते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में भी गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा था. इस बार गंगा का जलस्तर वर्ष 2016 की तुलना में कम है. वैसे तो हर साल बाढ़ आती है, लेकिन इस बार गंगा नदी का जलस्तर ज्यादा बढ़ गया है. कई जगहों पर काफी लोग प्रभावित हुए हैं, उनको राहत मिले इसके लिए सभी इंतजाम किये जा रहे हैं.