MP में ताऊ ते तूफान ने बर्बाद कर दी आम की फसल, किसान नुकसान में ग्राहक के मज़े

ताऊ ते तूफान मध्यप्रदेश में आम (Mango) की फसल बर्बाद कर गया. तूफान के कारण आयी आंधी बारिश में 50 फीसदी तक फसल खराब हो गयी है. किसानों (Farmers) और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है. लेकिन ग्राहक मजे में रहेगा. किसान झड़ी हुई फसल बाजार में पहुंचा रहे हैं. बंपर आवक होने के कारण आम के दाम कम हो गए हैं. इसलिए जनता को सस्ते दाम पर आम मिलेगा.

तेज आंधी तूफान बारिश की वजह से मध्य प्रदेश के बगीचों में लगे कच्चे आम झड़ गए. किसान अब इन कच्चे आम को ओने पौने दाम में बेच रहे हैं. जबकि अगर मौसम ठीक रहता तो यह आम किसान आराम से कई दिन के अंतराल में तोड़ते और मार्केट में अच्छे दामों पर बेचते. किसान और व्यापारी दोनों नुकसान में हैं. किसानों को कम दाम पर आम बेचना पड़ रहा है और व्यापारियों को कच्चे आम पकाने में उतनी ही लागत आ रही है. अब आम की आवक समय से पहले होने की वजह से व्यापारी इसे मंडी में भी जल्दी बेच रहे हैं. लेकिन ग्राहक मज़े में है. आवक ज्यादा होने से दाम गिर गए हैं. लोगों को सस्ते में आम मिल रहा है.

रोज 100 टन की खपत

भोपाल के थोक फल व्यापारी पवन खटीक ने बताया कि प्रदेशभर में रोज कच्चे आम की खपत करीब 100 टन है. सबसे ज्यादा आम होशंगाबाद, पिपरिया, बबाई समेत नर्मदापुरम के बगीचों से आते हैं. यहां पर आम की किस्म में बादाम, नीलम, तोतापरी, हाफुस, लंगड़ा और सिंदूरी होते हैं.
आंधी, बारिश से 50 फीसदी फसल बर्बाद...

मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में होने वाले आम की फसल आंधी तूफान और बारिश की वजह से 50 फीसदी तक बर्बाद हो गई है. विट्ठन मार्केट मंडी के अध्यक्ष हरिओम खटीक ने बताया कि प्रदेश के बगीचों में आंधी तूफान बारिश के कारण कच्चे आम 50 फीसदी तक झड़ गए हैं. किसानों को अपना माल 20 रुपए किलो में फल व्यापारियों को बेचना पड़ा. व्यापारी अब इन कच्चे आमों को पकाने के बाद मंडियों में जल्द सप्लाई कर देंगे. आवक ज्यादा होने के कारण इन्हें ज्यादा समय तक नहीं रोका जा सकता.

बंपर पैदावार

इस बार आम की बंपर पैदावार हुई है. व्यापारियों ने कच्चे आम 20 रुपए किलो में खरीदे हैं. इस बार आवक ज्यादा होने की वजह से मंडी में भरपूर आम आ जाएंगे और आम जनता को 30 से 40 किलो के बीच में मिलेंगे. जबकि इसकी कीमत कुछ दिन पहले तक 80 से 100 रुपए प्रति किलो थी. फल व्यापारियों का कहना है यह फायदा जनता को कुछ दिन तक मिलेगा.

10 जून तक प्रदेश के आम हो जाएंगे खत्म

मध्यप्रदेश के आम 15 जुलाई तक बाजार में मिलते थे. लेकिन इस बार आंधी तूफान बारिश वजह से 50 फीसदी आम पेड़ से झड़ गए हैं. इसलिए इस साल एक महीने पहले यानी जून के मध्य तक यहां के आम मार्केट से गायब हो जाएंगे.

भारी प्रदेश से होती है आम की पूर्ति

फल व्यापारी रमेश कुशवाहा ने बताया कि मध्य प्रदेश में होने वाले आम से प्रदेश की डिमांड पूरी नहीं हो पाती. यहां की मांग के लिए हम महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश पर निर्भर हैं. मप्र में अप्रैल में आम की पैदावार होती है, लेकिन आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से दो माह पहले से यहां आवक शुरू हो जाती है. वर्तमान में आम की 'बादाम' किस्‍म की आवक ज्यादा है. आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से हर रोज 500 टन आवक हो रही है. जून में यूपी से रोज 300 टन दशहरी आम की आवक शुरू हो जाएगी.