हिंसक हुआ प्रदर्शन तो मराठा संगठनों ने वापस लिया बंद, कहा- एकता दिखानी थी, दिखा दी

मराठा संगठनों ने आरक्षण की मांग को लेकर बुलाए गए बंद को वापस ले लिया है. आंदोलन की अगुवाई कर रहे मराठा क्रांति मोर्चा ने कहा कि वे मुंबईवासियों को परेशान नहीं करना चाहते. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि प्रदर्शन दोबारा शुरू हो सकता है. वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा संगठनों को सकारात्मक बातचीत का आश्वासन दिया है.

बता दें कि नवीं मुंबई और सतारा जिले में प्रदर्शन हिंसक हो गया था. पत्थरबाजी के बाद कुछ बेस्ट बसों को आग लगा दी गई. पुलिस के जवानों पर पत्थर फेंके गए जिससे तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवा में फायरिंग करनी पड़ी. मानखुर्द में भी एक बेस्ट बस को भीड़ ने आग लगा दी. हालांकि, बस में सवार सभी 15 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. दूसरी तरफ सासंद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया.

मराठा क्रांति मोर्चा के नेता वीरेंद्र पवार ने मुंबई में पत्रकारों से कहा, "हम केवल यह साबित करना चाहते थे कि हम सब साथ हैं और हमने यह साबित कर दिया. हम कभी नहीं चाहते थे कि प्रदर्शन हिंसक हो इसलिए हम आज के लिए मुंबई बंद वापस ले रहे हैं." पवार ने आगे कहा, "हमें शक है कि कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए हिंसक गतिविधियों में शामिल हुए. नहीं तो हमारा बंद शांतिपूर्ण होने वाला था. मुंबई से बाहर के इलाकों से हिंसा की खबरें आने की वजह से हमने बंद वापस लेने का फैसला किया है."