राेज 1 लाख अंडे और 1400 मुर्गे कम बिक रहे, चिड़ियाघर में शेर-बाघ का चिकन बंद

बर्ड फ्लू के डर के कारण शहर का पोल्ट्री कारोबार प्रभावित हाेना शुरू हाे गया है। शहर में अभी तक बर्ड फ्लू का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन चिकन और अंडे खाने वालाें में इसे लेकर डर है। यही वजह है कि अंडे और चिकन की बिक्री न सिर्फ तेजी से घटी है बल्कि इसके दामों में गिरावट आना शुरू हो गई है।

उधर, गांधी प्राणी उद्यान यानी चिड़ियाघर में 32 प्रजाति के पक्षियों की दो पालियों में निगरानी शुरू की गई है। शेर, बाघ और तेंदुआ के भाेजन में से चिकन को हटा दिया गया है। अब इन वन्यजीवाें काे सिर्फ मटन दिया जा रहा है।

प्रवासी पक्षियाें की आवाजाही पर भी निगरानी

पशु चिकित्सक डॉ. उपेंद्र यादव का कहना है कि ग्वालियर में अभी तक बर्ड फ्लू का एक भी मामला सामने नहीं आया है। प्रवासी पक्षियों के आवाजाही पर निगरानी रखी जा रही है। चिड़ियाघर में भी निगरानी बढ़ा दी गई है। चूंकि चिड़ियाघर में सभी पक्षी पिंजरे में है तो उनके खुले में उड़ रहे पक्षियों के संपर्क में आने की संभावना नहीं है।

अलर्ट- चिड़ियाघर में पिंजरों के पास छोड़ा जा रहा केमिकल धुआं

गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर के क्यूरेटर गौरव परिहार के मुताबिक यहां पर 32 प्रजाति के पक्षी हैं। इसमें 10 विदेशी नस्ल के हैं। इनकी दो पालियों में न सिर्फ निगरानी कर रहे हैं। केमिकल और दवाओं के मिश्रण का सुबह-शाम पिंजरों में छिड़काव कर डिसइंफेक्शन करा रहे हैं। पिंजरों के आसपास फ्यूमीगेशन यानी केमिकल का धुंआ भी करा रहे हैं। इससे बर्ड फ्लू का वायरस तेजी से खत्म होता है। परिहार ने बताया कि अभी तक कोई भी पक्षी न बीमार हुआ है और न किसी की माैत हुई है। चिड़ियाघर में सभी पक्षी सुरक्षित हैं।

ऐसे घटी कीमतें और खपत

पिछले तीन दिन में मुर्गे की कीमत में तेजी से कमी आई है। तीन दिन पहले मुर्गा जहां 100 रुपए प्रति नग में बिक रहा था, लेकिन बुधवार को यह 80 रुपए में बिका। आम दिनों में शहर में 3 हजार मुर्गे प्रतिदिन तक बिकते थे, लेकिन बुधवार को महज 1600 मुर्गों की बिक्री हुई। इसी तरह राेज ढाई लाख अंडाें की बिक्री होती थी, जाे अब घटकर डेढ़ लाख रह गई है।

प्रशासन ने जारी नहीं किया हेल्पलाइन नंबर- बर्ड फ्लू को लेकर प्रशासन ने बैठक तो की, लेकिन ऐसा हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं किया गया, जहां लोग पक्षियाें के मरने की सूचना दे सकें।