रेल टिकट बुकिंग का पैटर्न बदला, पहले विंडो पर रोज 2500 टिकट बुक होते थे, अब ऑनलाइन की वजह से सिर्फ 800 रिजर्वेशन

कोरोना संक्रमण की वजह से रेल टिकट बुकिंग का पैटर्न बदल गया है। लॉकडाउन से पहले जहां औसतन 2500 यात्री रेलवे के आरक्षण कार्यालय से टिकट बुक कराते थे, लेकिन अब औसतन राेज महज 800 यात्री टिकट बुक करा रहे हैं। जबकि स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या प्रतिदिन 10 हजार तक पहुंच गई है।

कोरोना गाइडलाइन की वजह से जनरल कोच में सफर करने के लिए भी टिकट बुक कराना पड़ रहा है। संक्रमण से बचने के लिए यात्री अब विंडो से टिकट बुक कराने की बजाय ई-टिकट ले रहे हैं। ज्यादातर यात्री अपने मोबाइल से ई-टिकट बुक करना सीख रहे हैं। इससे रेलवे कर्मचारियों को काफी राहत मिली है।

विंडो पर कतार में खड़ा नहीं होना चाहते यात्री

इंद्रमणि नगर में रहने वाले शुभेंद्र सिंह का कहना है कि वह पहले रेलवे की विंडो से टिकट बुक कराते थे, लेकिन कोरोनाकाल में लोगों के संपर्क में और लंबी लाइन से बचने के लिए मोबाइल पर आईआरसीटीसी का एप डाउनलोड कर लिया है। इस एप के माध्यम से ही वह ई-टिकट बुक करता है। ई-टिकट बुक करने का फायदा यह भी है कि वेटिंग रहने पर टिकट कैंसिल कराने के लिए रेलवे स्टेशन के आरक्षण कार्यालय नहीं जाना पड़ता।

लॉकडाउन से पहले जनरल विंडो से 22 हजार टिकट बिकते थे

लॉकडाउन से पहले रेलवे के जनरल विंडो से हर दिन 22 हजार यात्री टिकट खरीदते थे, लेकिन अब जनरल कोच में सफर करने के लिए भी यात्रियों को रिजर्वेशन कराना पड़ रहा है। जनरल बुकिंग की विंडो अभी बंद है। इससे यात्रियों के पास दो ही विकल्प हैं या तो आरक्षण कार्यालय से टिकट बुक कराएं या फिर ई-टिकट बुक करें।

एजेंट के पास भी कम पहुंच रहे यात्री: कोरोनाकाल से पहले रेलवे स्टेशन के आसपास दुकानों में ई-टिकट बुक करने का कारोबार बड़े स्तर पर होता था, लेकिन अब यह कम हो गया है। ऐसे एजेंट के पास यात्री कम संख्या में ही पहुंच रहे हैं।

ई-टिकट बुक कर ही यात्रा करती हूं

कोरोनाकाल से पहले रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर से टिकट बुक कराती थी, लेकिन अब संक्रमण और लंबी लाइन लगाने से बचने के लिए मोबाइल से ई-टिकट बुक करना सीख लिया है।

-सौम्या गुप्ता, यात्री

विंडो से टिकट लेने में समय बर्बाद होता है

रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर से टिकट बुक कराने में सबसे अधिक समय की बर्बादी होती है। लेकिन ई-टिकट बुक करना सबसे सीख लिया है तब से यह फायदा है कि खुद ही वेटिंग और खाली सीट की जानकारी आईआरसीटीसी के एप पर देखकर ही टिकट बुक कराते हैं।

-सतीश शर्मा, यात्री