नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार, 7 दिन मे होगा चालू, बेतवा में पहुंचेगा साफ पानी

शहर की जीवनरेखा कहलाने वाली बेतवा नदी नए साल में काफी हद तक प्रदूषण मुक्त हो जाएगी। बेतवा के प्रदूषण से मुक्त करने की नगरपालिका की योजना पूरी हो गई है। नए साल के पहले सप्ताह में यह काम शुरू हो जाएगा। अभी इसमें शहर के नालों का पानी भी मिलता था और इससे प्रदूषण बढ़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

दरअसल बेतवा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए बनाया गया नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है। प्लांट अभी टेस्टिंग लेवल पर है। नपा के अफसरों का कहना है कि प्लांट ने काम करना चालू कर दिया है लेकिन विधिवत तरीके से चालू होने में जनवरी का पहला सप्ताह लग सकता है।

शहर में सीवेज लाइन का जाल बिछ गया है। सीवेज लाइन में करीब 98 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। अलग-अलग प्रक्रिया से सीवेज लाइन की गंदगी साफ होगी और प्रदूषित पानी को साफ किया जाएगा। इसके बाद साफ पानी बेतवा में छोड़ा जाएगा।

ऐसा रहेगा सिस्टम: सीवेज के पानी को साफ करने अलग-अलग रहेगी प्रक्रिया
सीवेज लाइन से आने वाले पानी को जतरापुरा के पास बने नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में में छोड़ा जाएगा। प्रोजेक्ट इंजीनियर स्वप्न मिर्धा ने बताया कि यहां दूषित पानी सबसे पहले वेट वेल में आएगा। यहां गंदगी आएगी और मोटी सामग्री ट्राली में रह जाएगी। इसके बाद दूषित पानी प्रायमरी ट्रीटमेंट यूनिट(पीटीयू) में आएगा और यहां पर गंदगी को साफ किया जाएगा। अलग-अलग स्तर पर यहां पानी साफ होगा।

30 साल तक सीवेज प्लांट करेगा काम

नपा के सब इंजीनियर अशोक राय ने बताया कि नई सीवेज लाइन का काम लगभग पूरा हो गया है। आने वाले 30 साल को ध्यान में रखते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। इसके बाद इसका जरूरत के हिसाब से विस्तार किया जा सकेगा।

22.25 एमएलडी का अब बना है प्लांट

दूषित पानी को बेतवा में रोकने के लिए 2007 में करनाल पद्धति से 7.2 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया था। जो ज्यादा कारगर साबित नहीं हुआ। नए प्लांट में ऐसा नहीं होगा। नया प्लांट 22.25 एमएलडी का है।

12 हजार कनेक्शन हुए

26 हजार का लक्ष्य: सीवेज लाइन में अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 26 हजार सीवेज कनेक्शन करने का लक्ष्य रखा है। अभी 12 हजार कनेक्शन हो चुके हें।

सिंचाई के लिए मिलेगा पानी: साफ होने पर पानी खेतों में सिंचाई के लिए भी मिलेगा। वहीं बची हुई गंदगी से खाद बनेगी। जो उपयोगी साबित होगी

ऐसा है ट्रीटमेंट प्लांट

1. वेट वेल: सीवेज का पानी स्क्रीन चैंबर में आएगा। यहां मोटी सामग्री अलग की जाएगी।

2. पीटीयू: प्रायमरी ट्रीटमेंट यूनिट में 3 जगह पर गंदगी को अलग-अलग श्रेणी में साफ होगी।

3. एसबीआर: एसबीआर में बैक्टीरिया पैदा होगी ओर पानी की गंदगी साफ होगी।

4. यूवी: अल्ट्रा वायलेट से होकर पानी गुजरने सेे बैक्टीरिया को मार दिया जाएगा।

5. स्लेज थिकनर: गंदगी जमा होगी, यहां बची हुई तमाम गंदगी को रखा जाएगा।

6. सेंटरफिक एरिया: गंदगी को सुखाया जाएगा। फिर खाद में बदलेंगे।