पानी और सीवर की लाइन डालने के लिए खोदीं तो कम हो गई सड़कों की चौड़ाई

मानसिक आरोग्यशाला तिराहे से शब्द प्रताप आश्रम वाली सड़क 50 फीट चौड़ी है। सड़क के दोनों तरफ पानी की लाइन डालने के लिए खुदाई कर दी गई। अब सड़क 20 फीट चौड़ी ही बची है। यह हाल जीवाजीगंज मार्ग, माधौगंज थाने से लाला का बाजार सहित अन्य सड़कों का भी है। ज्ञात हो कि पानी और सीवर प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनियों ने शहर में 415 किलोमीटर लंबी सड़कों की खुदाई कर दी है।
कंपनियों के प्रतिनिधियों का दावा है कि सिर्फ 64 किमी लंबी रोड पर गड्ढे भरने का काम बाकी है। खोदी गई सड़कों के भराव को लेकर जनप्रतिनिधि कई बार आयुक्त संदीप माकिन के साथ बैठक कर चुके हैं। इसके बाद भी खुदी सड़कें ठीक नहीं हो सकीं। जहां पर सड़कें ठीक की गईं हैं, वहां पर गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सामने आ रही हैं।
शहर में अमृत योजना के तहत 730 करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। इनमें से 330 करोड़ रुपए पानी की लाइन, टंकियों के निर्माण और नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बनाने पर खर्च होंगे। शेष 400 करोड़ रुपए की राशि सीवर सिस्टम पर खर्च हो रही है। गौरतलब है कि यह योजना समय पर पूरी नहीं हो सकी है। अब मार्च 2021 में पूरा करने का लक्ष्य तय दिया गया है।
जीवाजी गंज मार्ग: यहां से हनुमान चौराहे तक पानी की लाइन के लिए खुदाई की गई थी। लाइन डालने वाली कंपनी ने रोड रेस्टोरेशन कार्य नहीं किया। यहां पर खुदी सड़क में रात के वक्त वाहन चालक गिर रहे हैं।
शब्द प्रताप आश्रम मार्ग: मानसिक आरोग्यशाला से शब्द प्रताप आश्रम की सड़क पर छह महीने पहले खुदाई कर पानी की लाइन डाली गई थी। उसका रोड रेस्टोरेशन नहीं किया गया। पिछले दो दिन से सड़क के दूसरी तरफ बड़ी पानी की लाइन डालने के लिए खुदाई की जा रही है। इस वजह से यहां की सड़क की चौड़ाई कम हो गई है।
माधौगंज थाने से लाला का बाजार: यहां पर सड़क को बीच में से खोद दिया गया है। अब सड़क की चौड़ाई 15 फीट भी नहीं बची है। वाहन चालकों को गड्ढे में से ही वाहन निकालना पड़ रहा है। यहां पर रोड रेस्टोरेशन के नाम पर सफेद गिटि्टयां डालकर काम बंद कर दिया गया है।
डीडी नगर: पिछले साल पानी और सीवर की लाइन के लिए ए-सेक्टर में सड़क को खोदा गया था। तभी से सड़क खुदी पड़ी हुई है। इसके पास ही बीएल सेक्टर के हालात भी ऐसे ही हैं।
सड़कों को ठीक करने के निर्देश दिए हैं
अमृत योजना के तहत पानी और सीवर की लाइन डालने का काम चल रहा है। इस वजह से सड़कें खराब हुई हैं। उनको ठीक करने के लिए संबंधित कंपनी को कहा गया है। जल्दी ही सुधार नजर आएगा।