महाराज बाड़ा सहित प्रोजेक्ट के विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिये बोले सीएम शिवराजसिंह चौहान

ग्वालियर. शहर के विकास को लेकर सीएम शिवराजसिंह चौहान ने अधिकारियों से विजन डॉक्यूमेंट करने के लिये कहा हैे। लेकिन शहर के विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो अधिकारी के ध्यान न देने की वजह से धरातल पर नहीं उतर पाये हैं। एक दशक पूर्व तैयार किये गये सिटी के डवलपमेंट प्लान फाइलों में कैद है। विकास की दिशा तय करने के लिये तैयार कियेगये सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मास्टर प्लान 2021 की अवधि खत्म होने को है, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का केन्द्र महाराज बाड़ा था। यहां पार्किंग और यातायात सुधार के काम शुरू भी नहीं हो पाये हैं।
महाराज बाड़ा -विकास के केन्द्र
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट 2016 में तैयार किया गया था, महाराज बाड़ा के इस प्रोजेक्ट का सेंटर था। क्षेत्र की सुन्दरता को बढ़ाने के साथ यहां पार्किंग की व्यवस्था करना और यातायात को व्यवस्थित करने की प्लानिंग थी।
रोप वे- 12 वर्षो से लटका किले पर टर्मिनल आज भी नहीं बन पाया
करीब 4 दशक पूर्व नगरनिगम परिषद में चर्चा में आया रोप-वे के किले पर बन रहे टर्मिनल आज तक नहीं बन पाया, 12 वर्ष पूर्व निगम ने दामोदर रोप-वे कंपनी, कोलकाता से कांट्रेक्ट किया गया था।
स्वर्ण रेखा पर एलिवेटेड रोड़ नहीं
शहर के बीचों -बीच से निकले वाली 13 किमी लम्बी स्वर्ण रेखा नदी पर पिछले 20 वर्ष में यातायात और टूरिज्म को लेकर तमाम योजनायेंबन चुकी है। लेकिन 2 दशक में एलिवेटेड रोड़ नहीं बन पायी है।
आधे अधूरे प्रोजेक्ट, शासन के अंड़गों की वजह से लटके प्रोजेक्ट
आईटी पार्क को तैयार करने के लिये 30 करोड़ रूपये खर्च किये गये थे लेकिन कंपनियों नहीं आ पायी। कालीन पार्क 3 बीमा जमीन पर तैयार इस पार्क पर ताला ही लटका हुआ है। गारमेंट पार्क की 500 छोटी बड़ी इकाइयां सरकारी नीतियों की वजह से पार्क में जाने के लिये तैयार नहीं है। स्टोन पार्क वर्ष 2009 में बन तैयार है लेकिन बाद में वह वन विभाग के अड़गों की वजह से सफेद पत्थर की खदानें बन्द कर दी गयी।
जल्द पूरा होगे प्रोजेक्ट
अच्छे सुझाव के आधार पर विजन डॉक्यूमेंट तैयार करायेंगे। जहां तक पुराने प्रोजेक्टों का मामला है, उसके लिये संबंधित विभागों के अधिकारियों से जल्द ही काम पूरा करने के लिये आदेश दिये गये हैं। उसकी मॉनिटरिंग भी बढ़ाई गयी है।
कौशलेन्द्रविक्रम सिंह, कलेक्टर