शहर की 25 हजार स्ट्रीट लाइट स्मार्ट होगी, गली-मोहल्ले भी एलईडी से रोशन करेंगे

शहर की स्ट्रीट लाइट 6 महीने में पूरी तरह बदलकर स्मार्ट हो जाएंगी। इसका संचालन भी नगर निगम नहीं स्मार्ट सिटी का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर करेगा। स्ट्रीट लाइट चालू और बंद होने की ऑटोमेटिक व्यवस्था होगी।
स्मार्ट सिटी ने यह काम केंद्र सरकार की कंपनी ईईएसएल को सौंपा है। दोनों के बीच गुरुवर को अनुबंध हो गया है। पहले चरण का काम 15 दिन में शुरू हो जाएगा।
अभी शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था नगर निगम के हवाले है। स्ट्रीट लाइट बंद चालू करने, बंद लाइट्स बदलने तथा अन्य सुधार कार्य निगम करता है। शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल जाने के बाद शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था में भी बदलाव के प्रयास किए जा रहे थे।
स्मार्ट सिटी सीईओ जितेंद्रसिंह चौहान के अनुसार स्मार्ट सिटी ने केंद्र सरकार की कंपनी ईईएसएल के साथ अनुबंध किया है। इसके तहत ईईएसएल शहर की करीब 25 हजार स्ट्रीट लाइट्स को बदल कर उनकी जगह एलईडी लाइट्स लगाएगी। इन्हें बंद और चालू करने की ऑटोमेटिक व्यवस्था करेगी।
कंपनी 7 साल तक इसका संचालन भी करेगी। इसके बाद पूरे संसाधन स्मार्ट सिटी को हैंडओवर कर देगी। कंपनी 15 दिन में पहले चरण का काम शुरू कर देगी। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 6 माह का समय दिया गया है।
1.20 करोड़ रुपए है निगम का मासिक बिजली खर्च
नगर निगम का बिजली खर्च औसत 1.20 करोड़ रुपए महीना है। इसमें स्ट्रीट लाइट का खर्च भी शामिल है। निगम के इस आर्थिक बोझ को कम करने के, बिजली बचाने और शहर में आधुनिक स्मार्ट स्ट्रीट लाइट व्यवस्था करने के लिए यह प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है।
शहर में अभी 36, 48, 96 वॉट और सोडियम वेपर लैंप स्ट्रीट लाइट में लगे हैं। सिंहस्थ 2016 में लगाई गई एलईडी लाइट्स को सिंहस्थ क्षेत्र से निकाल कर शहर के कुछ हिस्सों में लगाया गया था। इसके अलावा सिंहस्थ में रोड चौड़ीकरण के बाद लगाई गई स्ट्रीट लाइट में भी एलईडी का उपयोग किया गया था। अब पूरे शहर को एलईडी से रोशन किया जाएगा। स्मार्ट सिटी कंपनी के सिंहस्थ मेला कार्यालय में बनाए गए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इसका संचालन होगा।