अष्टमी, नवमी पर इस बार नहीं होंगे माता के भंडारे, मंदिरों और पंडालों में भोज के लिए भी नहीं मिल रहीं कन्याएं

कोरोना की वजह से इस बार अष्टमी व नवमी पर शहर में माता के भंडारों का आयोजन नहीं किया जाएगा, इसलिए ज्यादातर मंदिरों व पंडालों में कन्या भोज की तैयारी की जा रही है। लेकिन इसमें आयोजकों परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के भय से लोग कन्या भोज में बच्चियों को भेजने में झिझक रहे हैं।

शहर में शनिवार को महाष्टमी का हवन-पूजन और कन्या भोज का आयोजन होगा। रविवार को नवमीं का पूजन कर देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। ज्ञात रहे शहर में हर साल करीब 500 पंडाल लगते थे, लेकिन इस बार सिर्फ 400 पंडाल ही लगे हैं। इनमें 95 फीसदी में भंडारे नहीं हो रहे हैं। शहर में वहीं बिरला नगर में बंगाली समाज के पंडाल में धुनौंची आरती की गई। वहीं डीबी सिटी में लगाए गए पंडाल में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ देवी के पंडाल में आरती का आयोजन किया गया।

कन्या नहीं मिलने पर गाय को भोजन कराएं
पं. विजय भूषण वेदार्थी के अनुसार दुर्गाअष्टमी का व्रत शनिवार को किया जाएगा। ग्वालियर अंचल में सूर्योदय के बाद 1 घटी (24 मिनट) से अधिक 33 मिनट तक होने के कारण अष्टमी का व्रत शनिवार को निर्णय सिंधु के अनुसार मनाना शास्त्र सम्मत होगा। पं. विजय भूषण वेदार्थी का कहना है कि कन्या उपलब्ध न होने की स्थिति में गाय को भोजन करवाकर उसकी पूजा की जा सकती है। इसके साथ ही कन्याओं के घर ड्राइ फ्रूट्स के पैकेट भी भेजे जा सकते हैं।

सागरताल में मूर्ति विसर्जन के लिए दो घाटों को साफ किया, रात के लिए बिजली की व्यवस्था की, दमकल वाहन भी मौजूद रहेगा

शहर में माता की मूर्तियों का विसर्जन सागरताल पर ही होगा। कटोराताल के खाली रहने की वजह से श्रद्धालु वहां पर मूर्ति विसर्जन नहीं कर पाएंगे। हालांकि जनकताल और रमौआ बांध पर भी लोग मूर्तियों को विसर्जित करने पहुंचते हैं। नगर निगम ने सागरताल पर मूर्ति विसर्जित करने के लिए व्यवस्था कर दी है। यहां पर 24 से 26 अक्टूबर तक निगम का अमला तैनात रहेगा। दोनों घाटों की सफाई कर दी गई है। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होगी।

नगर निगम ने हर साल की तरह इस साल भी सागरताल के मैदान में दमकल वाहन, एक जेसीबी, पोकलेन मशीन और डंपर खड़ा करने का फैसला लिया है। वहां पर पानी के लिए टैंकर खड़ेे किए जाएंगे। वहीं ज्यादा भीड़ न हो और कोरोना को ध्यान में रखकर समय-समय पर एनाउसमेंट भी होगा। इसके लिए लाउडस्पीकर लगाए गए हैं।

अपर आयुक्त नरोत्तम भार्गव ने बताया कि सागरताल पर निगम की तरफ से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यहां आने वाले लोग पानी के लिए परेशान नहीं हों। इसके लिए टैंकर की व्यवस्था भी रहेगी। इधर अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव ने बताया कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा में मूर्ति विसर्जन के लिए कोई स्थान नहीं है। सभी मूर्तियों का विसर्जन सागरताल में ही कराया जाएगा।

झांसी रोड स्थित माता वैष्णो देवी से चुनरी बांधकर मन्नत मांगते श्रद्धालु

झांसी रोड पर वैष्णोदेवी का मंदिर स्थापित है। 40 साल पहले इस मंदिर को स्थापित किया गया था। इस मंदिर के बारे में का जाता है कि एक भक्त को देवी ने दर्शन देकर देवी प्रतिमा स्थापना के लिए कहा था। इसके बाद यहां पर देवी प्रतिमा स्थापित कर दी गई। अब यह श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। देवी के अलावा यहां पर शिव परिवार, हनुमान जी की प्रतिमा भी स्थापित है। कहा जाता है कि जो श्रद्धालु यहां पर मन्नत मांगते हैं वह चुनरी बांध देते हैं और मन्नत पूरी होने पर चुनरी खोल लेते हैं।