चर्राई गांव की पंचायत में फैसला; वोट नहीं डालेंगे, क्योंकि बूथ तक पहुंचने के लिए नाले पर रखी लकड़ियों से गुजरना पड़ता है
.jpg)
भांडेर विधानसभा क्षेत्र के 650 की आबादी वाले चर्राई गांव में 370 मतदाता हैं। इस गांव के लाेगाें ने शुक्रवार काे पंचायत कर तय किया है कि वे उपचुनाव में वाेट नहीं डालेंगे। इसकी वजह इस गांव में सड़क न हाेना है और जहां पाेलिंग बूथ बनाया गया है, वाे यहां से तीन किमी दूर है। जिस रास्ते से वोट डालने जाना है, उसमें टूटी पुलिया के ऊपर रखी दो लकड़ियों के ऊपर से गुजरना हाेता है।
जाेखिम इतना कि इन लकड़ियों से पैर फिसला ताे सीधे नाले में गिरने का डर है। गांव के सरपंच आनंद यादव दावा करते हैं कि गांव की महिलाओं ने ताे कभी वाेट नहीं डाला। एकाध काेई महिला अपने पुरुष परिजन के साथ वोट डालने चली गई हो तो अलग बात है, लेकिन मेरी जानकारी में तो ऐसी कोई महिला नहीं है।
गांव के अयाेध्या प्रसाद कहते हैं कि अब तक वोट डालने से महिलाएं ही दूर रहती थीं लेकिन अब पुरुषों ने भी फैसला किया है कि वे भी वोट नहीं डालेंगे। इधर, कलेक्टर बी. विजय दत्ता का कहना है कि चर्राई गांव का मामला जानकारी में आ गया है। इस मामले में क्या समाधान हो सकता है, इस पर अधिकारियाें काे रिपाेर्ट तैयार करने के लिए कहा है। आचार संहिता में नए काम तो संभव नहीं है। इसलिए आयोग को पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
तीन किमी दूर बनाते हैं बूथ
ग्राम चर्राई का पोलिंग बूथ तीन किमी दूर ग्राम सेमाहा में बनाया जाता है। चर्राई के लोगों को यहां तक पहुंचने के लिए पक्का रास्ता तो छोड़िए, समतल पगडंडी भी नहीं है। इसलिए 370 की वोटिंग में से महज 30 या 40 वाेट ही डाले जाते हैं। गांव में जिन भवनों पर प्रशासन ने मतदान जागरुकता के नारे लिखे, उन्हीं के बगल में ग्रामीणों ने लिख दिया- रोड नहीं तो वोट नहीं, विस उपचुनाव में नहीं डालेंगे वाेट।
45 साल में नहीं डाला वोट
^45 साल पहले गांव में शादी करके आई थी। तब से आज तक वोट डालने नहीं गई। रास्ता कच्चा है। नाले पर लकड़ियों के ऊपर से निकलना ही मुश्किल है। जरूरी काम हो, तभी गांव से बाहर जाते हैं।"
माया देवी, ग्राम चर्राई
^चर्राई गांव में देश आजाद होने के बाद भी आज तक पोलिंग बूथ नहीं बना। जबकि आने-जाने का रास्ता भी नहीं है। इस गांव में 370 वोटर हैं। इस बार भी पोलिंग बूथ हमारे गांव में नहीं बना तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इसी वजह से महिलाएं ताे कभी वाेट डालने ही नहीं जाती।'
आनंद यादव, सरपंच चर्राई