संस्कृति मंत्री सुश्री ठाकुर द्वारा कला मर्मज्ञ डॉ. कपिला वात्स्यायन के निधन पर शोक व्यक्त

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने पद्मविभूषण पूर्व राज्यसभा सदस्य और देश के शीर्ष कला संस्थानों को नये आयाम प्रदान करने वाली डॉ. कपिला वात्स्यायन के निधन पर गहन दु:ख व्यक्त किया है।
सुश्री ठाकुर ने अपने संदेश में कहा कि स्व. डॉ वात्स्यायन इतिहासकार होने के साथ ही परम विदुषी महिला थीं। उन्होंने भारतीय नाट्य शास्त्र और पारम्परिक कला पर न केवल गंभीर पुस्तकें लिखीं बल्कि वह भरत नाट्यम, ओडिसी, कथक और मणिपुरी नृत्य विधा में भी पारंगत थीं। हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार स्व. सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन की पत्नी डॉ. कपिला ने वर्ष 1948 में अंग्रेजी में स्नातकोत्तर किया था। इंडिया इन्टरनेशनल सेन्टर की आजीवन न्यासी डॉ. कपिला भारतीय नृत्य अनुसंधानों के लिये चलता-फिरता एनसाइक्लोपीडिया थीं। भारतीय कला जगत में वह चिरस्मरणीय रहेंगी।
सुश्री ठाकुर ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को दु:ख सहने की क्षमता प्रदान करने की प्रार्थना की है।