SCO समिट में भाग लेने के लिए PM मोदी चीन रवाना, जिनपिंग से होगी ख़ास मुलाक़ात

चीन में आज से शुरू हो रहे दो दिन के  शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन रवाना हो चुके हैं. ये सम्मेलन चीन के तटीय शहर किंगडाओ में होने वाली है. इस दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात भी होगी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 42 दिन बाद एक बार फिर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे.

किंगडाओ में मोदी शी समेत एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे. इस बैठक में एससीओ सदस्यों का जोर सुरक्षा, सहयोग, आतंकवाद विरोध, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विनिमय के क्षेत्रों पर रहेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कई मुद्दों के साथ साथ इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि एससीओ के सदस्य देशों के बीच सहयोग को कैसे बढ़ाया जाए.

प्रधानमंत्री मोदी ने यात्रा से अपने फेसबुक पेज पर लिखा,''9 और 10 जून को एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मैं चीन के चिंगदाओ में रहूंगा. एक पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत के लिए यह पहला एससीओ शिखर सम्मेलन होगा. एससीओ देशों के नेताओं के साथ बातचीत होगी और उनके साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे.''

बता दें कि साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह पांचवीं चीन यात्रा होगी. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी शहर वुहान में 27 और 28 अप्रैल को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लिया था.

औपचारिक होगी किंगडाओ में होने वाली मुलाकात
चीन इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के दक्षिण व दक्षिणपूर्व एशियाई और ओशियनियन संस्थान के निदेशक हु शीशेंग ने बताया, "यह एक महत्वपूर्ण मुलाकात है, लेकिन स्वरूप में प्रतीकात्मक है. इसकी तुलना वुहान से नहीं की जा सकती. किंगडाओ में होने वाली मुलाकात औपचारिक होगी."

वहीं, चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावाले ने कहा, "वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी सहमति शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के किंगडाओ सम्मेलन में नजर आएगी." बता दें कि पीएम मोदी 27 अप्रैल को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लेने वुहान पहुंचे थे.

पुतिन से भी मिलेंगे मोदी
मोदी शनिवार को शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे. बता दें कि मोदी और पुतिन के बीच पिछले महीने सोच्चि में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी.

इन दो मुद्दों पर हो सकती है बात
एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. सम्मेलन में मोदी पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बढ़ावा देने का मुद्दा उठा सकते हैं.

सम्मेलन में कौन-कौन आएगा?
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे. शिखर संबेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति होगी. चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. रूहानी की उपस्थिति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं. चीन ने इस परमाणु समझौते की रक्षा का संकल्प लिया हुआ है. बता दें कि मंगोलिया, अफगानिस्तान और बेलारूस के साथ ईरान को शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है.