गलवान के बाद पैंगॉन्ग और देप्सांग, बॉर्डर पर नए मोर्चे खोल रहा है चीन

भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति लगातार बरकरार है. गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो चुके हैं, बॉर्डर पर सेना की उपस्थिति भी बढ़ गई है. इस बीच चीन है कि लगातार दगाबाजी कर रहा है और हर रोज़ एक नई चाल के साथ सामने आ रहा है. चीन के साथ पहले ही पैंगोंग लेक के पास विवाद चल रहा है, इस बीच चीन ने ईस्टर्न लद्दाख में ही एक और मोर्चा खोला है.

दगाबाज़ चीन की एक और चाल!

जिस वक्त दोनों देश की सेनाएं गलवान घाटी में हिंसा के बाद वहां पर मौजूद सेना को वापस भेजने के लिए चर्चा कर रही हैं, तब चीन की एक और साजिश का खुलासा हुआ है. ईस्टर्न लद्दाख के पूर्वी दौलत बेग ओल्डी में चीन लामबंदी कर रहा है.

जून महीने में चीनी बेस के पास कैंप और वाहन देखे गए हैं. चीन की ओर से ये बेस 2016 से पहले ही बनाए गए थे. अब इसकी पुष्टि ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों से भी हुई है, जो दिखाते हैं कि यहां पर शिविर और ट्रैक तैयार हैं.

देपसांग के इस इलाके में 2013 में भी चीन ने घुसपैठ की कोशिश की थी, यही कारण है कि भारत पहले से ही तैयार था. चीन के मुकाबले भारत की सेना ने भी यहां अपनी मौजूदगी बढ़ाई है और चीन को जवाब देने के लिए तैयार है.

साइबर अटैक के लिए भी जाल बिछा रहा चीन!

चीन ने अब भारत पर साइबर वार शुरू कर दिया है. वो भारत की खुफिया जानकारियों को हथियाना चाहता है. महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने चीन की इस साजिश का खुलासा किया है. विभाग ने लोगों को आगाह किया है. जानकारी के मुताबिक, चीन ने पिछले पांच दिनों में भारत पर ताबड़तोड़ साइबर हमला बोला है.

इस दौरान भारत के सूचना, बैंकिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हमले हुए हैं. अभी तब 40 हजार से अधिक बार चीन साइबर हमले कर चुका है. बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक सामान और गैजेट्स के लिए चीन पर भारत काफी हद तक निर्भर है, ऐसे में चीन के लिए साइबर सेंधमारी मुश्किल नहीं है.

भारत को हथियार मिलने से रोकना चाहता है चीन

चीन को अपने फायदे के सिवा कुछ भी नहीं समझ में आता है, इसके लिए वो अंतरराष्ट्रीय साजिश करता है और फिर झूठ भी बोलता है. जिस वक्त मास्को में भारत रूस से हथियारों पर बातचीत कर रहा था, उस समय चीन प्रोपैगेंडा रचने में बिजी था. तभी तो झूठे बयान जारी कर दो दोस्तों के बीच रोड़ा बन रहा था.

चीन की मीडिया ने अपील करते हुए कहा कि रूस भारत को हथियार ना बेचे, लेकिन रूस ने उसकी एक ना सुनी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को रूस से जल्द हथियार मिलने का भरोसा मिला है.

गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पंद्रह जून को हिंसक झड़प हुई थी. आरोप है कि चीन LAC के पास इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है जिसकी पुष्टि सैटेलाइट तस्वीरों में हुई है. जब भारतीय सेना के जवान चीन को समझाने पहुंचे तो PLA ने धोखे से हमला कर दिया और इसमें भारत के बीस जवान शहीद हो गए.