भारतीय मजदूरों को हटाए जाने पर चीनी कंपनी पर एक्शन

भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (MOIL) की बालाघाट खदान में कार्यरत चीनी कंपनी चाइना कोल 3 के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है. इस कंपनी पर भारतीय मजदूरों को काम पर नहीं जाने देने का आरोप लग रहा था. जिसे लेकर कंपनी का काम बंद करने की कार्रवाई की गई है.

चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच चाइनीज कंपनी चाइना कोल 3 ने भारतीय मजदूरों को कोराना संक्रमण फैलने के बहाने काम पर नहीं लिया था. इस बात को लेकर मजदूरों ने आंदोलन भी किया था. इसके बाद मॉयल में ढाई सौ करोड़ रुपये की लागत से अंडरग्राउंड शॉफ्ट का निर्माण कर रही इस कंपनी के काम को रोक दिया गया है.

चीनी कंपनी को दिए गए नोटिस में यह स्पष्ट निर्देश है कि जब तक कंपनी भारतीय मजदूरों को काम पर नहीं लेगी तब तक कंपनी भारत में काम नहीं कर सकती है.

मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (मॉयल) की भरवेली खदान के सामने जमा हुए मजदूर मार्च 2019 से यहां काम कर रही चाइना कोल 3 नामक कंपनी के लिए काम कर रहे थे. इस कंपनी ने यहां खदान के अंडरग्राउंड में एक नई शॉफ्ट निर्माण का ठेका ढाई सौ करोड़ रुपये में लिया है.

लॉकडाउन के दौरान कंपनी का काम भी बंद हो गया था. दस दिन पहले कंपनी ने चीन से चल रहे सीमा विवाद के बीच यहां पुनः काम शुरू किया लेकिन इस बार पूर्व से काम कर रहे 62 भारतीय मजदूरों को काम पर नहीं लगाया.

इसको लेकर मजदूरों ने आवाज उठाई. इस सरकारी कंपनी प्रबंधन ने भी मजदूरों की बहाली को लेकर कंपनी से चर्चा की लेकिन कंपनी भारतीय मजदूरों के साथ काम करने को तैयार नहीं थी.

भारतीय मजदूरों काम पर नहीं लेने की चीनी कंपनी के अड़ियल रुख के बाद कई बार इस कंपनी को पिछले 1 सप्ताह में पुनः भारतीय श्रमिकों को रखने के निर्देश जारी किए गए लेकिन इसके बाद भी जब चीनी कंपनी नहीं मानी तो मॉयल प्रबंधन ने चीनी कंपनी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे काम बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश में साफ-साफ लिखा है कि जब तक भारतीय मजदूरों को काम पर नहीं लिया जाएगा तब तक यह कंपनी यहां काम नहीं कर सकती है.

सरकार ने चीनी कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया है. कंपनी भारतीय श्रमिकों के साथ काम करने को तैयार नहीं थी. देश के भीतर ही ठेकेदार के रूप में काम कर रही कंपनी भारतीय श्रमिकों का बायकाट कर रही है जिसके लिए बहाना कोराना संक्रमण को बताया जा रहा है.

हालांकि इस दौरान भी कंपनी यहां 40 से अधिक चीनी श्रमिकों के साथ काम कर रही थी जिसको लेकर क्षेत्रीय लोगों में खासा आक्रोश है. उनकी मांग है कि इस कंपनी का टेंडर स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाना चाहिए.

कंपनी में काम रहे एक श्रमिक विजय तांदे ने बताया कि हम यहां एक साल से काम कर रहे थे. हमें बिना किसी नोटिस के चाइनीज कंपनी ने काम से हटा दिया. जब काम मांगने जाते हैं तो हमें 'गो मोदी' कह कर ताने दिए जाते हैं.

मॉयल के प्रबंधक उम्मेद भाटी ने बताया कि यहां के अंडरग्राउंड में काम कर रही चीनी कंपनी ने अपने इंटरनल प्रॉब्लम के चलते भारतीय मजदूरों को काम पर नहीं रख रही थी. हमने उन्हें कई बार सूचना दी कि भारतीय मजदूरों को रख लें लेकिन जब भी नहीं माने तो उनका काम बंद करा दिया गया है.