तेल रिसाव पर भड़के पुतिन, कारोबारी से पूछा- क्यों ना वसूला जाए सारा पैसा
रूस में एक पावर प्लांट से 20 हजार टन डीजल बाहर फैल जाने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साइबेरिया में आपातकाल की घोषणा कर दी है. तेल रिसाव की वजह से राष्ट्रपति ने रूस के सबसे बड़े अमीर और कारोबारी पर नाराजगी जाहिर की.
आर्कटिक क्षेत्र में तेल के रिसाव के लिए राष्ट्रपति पुतिन ने उनकी कंपनी को आड़े हाथों लेते हुए पूछा क्या इस रिसाव की वजह से जो खर्चे बढ़े हैं आप सभी लागतों का भुगतान करेंगे? क्या वह सही है?
आर्कटिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ईंधन तेल फैलने में लापरवाही के लिए उन्होंने उस कंपनी के मालिक को जिम्मेदार ठहराया और वो सुनिश्चित कर रहे हैं इस रिसाव को नदियों और सागरों में जाने से रोकने की कोशिश में जो भी खर्च होगा वो उस कंपनी से वसूला जाएगा.
रूस की राजधानी मॉस्को से 3000 किमी. दूर नॉरिलस्क में एक प्लांट के पास शुक्रवार को ये रिसाव शुरू हुआ था. देखते ही देखते इसने बड़े संकट का रूप ले लिया. अब ये ईंधन कहीं अंबार्नया नदी में ना मिल जाए, इसके लिए अवरोधक लगाए गए हैं. यहां पास में ही एक झील भी है, जो नदी को जोड़ती है और सीधा आर्केटिक सागर में जाकर मिल जाती है.
बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन की ओर से इस मामले में आपातकाल की घोषणा की गई थी. उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश भी दिए हैं. WWF के रूस दफ्तर के मुताबिक, इस लीकेज की वजह से मछलियों को नुकसान होगा. करीब 13 मिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है.