दिल्ली में शराब की दुकानें खुलने से नाराज केंद्रीय मंत्री, कहा- अनजाने में लिया गया फैसला हो वापस

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन 3.0 में गृह मंत्रालय की तरफ से दी गई छूट के साथ राजधानी दिल्ली में शराब की दुकानें खुल गई हैं. वहीं, सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक शराब की ज्यादातर दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोल घेरे बनाए गए और बैरिकेडिंग भी की गई. लेकिन शराब की तलब में कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आईं.

  • रेड जोन में देश की राजधानी दिल्ली, खुलीं शराब की दुकानें
  • शराब की दुकानों पर उड़ीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

दिल्ली में शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि कहीं भी अगर इस तरीके की घटना हो रही है, तो वह मुझे विचलित करती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, मुझे दुख और आश्चर्य होता है कि किसी भी सरकार ने ऐसा निर्णय लिया.

 उन्होंने कहा कि निर्णय लेने के बाद इंप्लीमेंट किया गया है तो इसका रिव्यू जरूर करना चाहिए. अगर कोई फैसला जाने-अनजाने में किया गया है तो उसका दुष्प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है. ऐसे में इस निर्णय को बरकरार रखना उचित नहीं मानता हूं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर मैं दिल्ली के लिए यह कहूंगा कि जब तक रेड जोन में हैं, तब तक जितनी ज्यादा सख्ती और अहतियात की जा सकती है वो करनी चाहिए.

हर्षवर्धन ने कहा कि देश के कई राज्य ऑरेंज और ग्रीन जोन में हैं, जबकि दिल्ली रेड जोन में है. इससे पता चलता है कि राजधानी की स्थिति बाकी राज्यों से खराब है. उन्होंने कहा कि जितनी तेजी से कोरोना केस के नंबर बढ़ रहे हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना और मामलों को कंट्रोल करना जरूरी है. साथ ही ज्यादा गंभीरता से हाउस टू हाउस सर्वे करना होगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रेड जोन के अंदर जो भी इलाके हैं, उनके बारे में संबंधित सरकारों को ज्यादा गंभीरता से विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा की सुविधाओं का इंप्लीमेंटेशन और मॉनिटरिंग का काम भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर कर रही हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे खत्म होगा. कोरोना के इलाज पर स्टडी की जा रही है. हमारे वैज्ञानिक सभी संबंधित विषयों पर काम और दवा की खोज कर रहे हैं.