ब्रिटेन में माल्या को झटका, प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका लंदन हाईकोर्ट से खारिज

किंगफिशर एयरलाइंस के मुखिया विजय माल्या 9000 करोड़ रुपये के वित्तीय अपराध से जुड़े मामले में वॉन्टेड हैं. ब्रिटेन में छिपे माल्या को भारत लाने के लिए जांच एजेंसियां प्रयास कर रही हैं. पिछले साल 3 फरवरी को ब्रिटेन के गृह सचिव ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था.

  • 14 दिन के अंदर सुप्रीम कोर्ट में दी जा सकती है चुनौती
  • अब गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा मामला

माल्या ने अपने प्रत्यर्पण को ब्रिटेन की लंदन रॉयल कोर्ट में चुनौती दी थी. माल्या की याचिका पर लंदन की कोर्ट में 11, 12 और 13 फरवरी को सुनवाई हुई थी. अब ब्रिटिश हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट ने माल्या को झटका देते हुए याचिका खारिज कर दी. जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लिंग की दो सदस्यीय पीठ के इस फैसले से आर्थिक अपराध के मामले में भगोड़े घोषित माल्या के प्रत्यर्पण की कानूनी बाधा दूर हो गई है.

लंदन की कोर्ट ने माल्या को तीन मामलों में दोषी पाया. कोर्ट ने माल्या को भारतीय बैंकों से धोखाधड़ी और उसके बाद देश छोड़कर भागने, किंगफिशर के लाभ के संबंध में गलत जानकारी देने का दोषी पाया. कोर्ट ने कहा कि माल्या 1 सितंबर 2009 से 24 जनवरी 2017 के बीच हुए अपराधों के लिए आरोपी हैं.

कोर्ट ने आगे कहा कि माल्या ने 7 अक्टूबर 2009 को 1500 मिलियन, 4 नवंबर 2009 को 2000 मिलियन और 27 नवंबर 2009 को 7500 मिलियन भारतीय रुपये का ऋण लिया, जिसे चुकाने की मंशा नहीं दिखाई. बताया जाता है कि अब माल्या के प्रत्यर्पण की फाइल ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगी. हालांकि, माल्या के पास हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार भी है. 14 दिन के अंदर फैसले को चुनौती दी जा सकती है. गौरतलब है कि शराब कारोबारी विजय माल्या 2016 से ब्रिटेन में है.

 18 अप्रैल 2017 को उसे लंदन में गिरफ्तार किया गया था. तब से ही भारतीय जांच एजेंसियां माल्या के प्रत्यर्पण के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. बता दें कि माल्या ने पिछले दिनों एक ट्वीट कर दावा किया था कि वह बैंकों को उनका कर्ज चुकाने के लिए लगातार प्रस्ताव देता रहा है. बैंक पैसे लेने को तैयार नहीं हो रहे और ना ही प्रवर्तन निदेशालय उसकी संपत्तियां छोड़ने के लिए.