कोरोना के कारण नौकरियों पर बड़ी मार, बिना वेतन छुट्टियों पर भेजा जा रहा

कोरोना वायरस संकट भारत में नौकरियों पर भी मार कर रहा है. कुछ जगह कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टियों पर जाने के लिए कहा जा रहा है. ये भी निश्चित नहीं कि वो काम पर दोबारा लौट भी पाएंगे या नहीं.

इंडिया टुडे ने ऐसी ही एक मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव से बात की जिसे भारत में कोरोना वायरस की मार की वजह से बिना वेतन छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है. अनिश्चितिता के इस दौर में भी उम्मीद और हौसला कैसे बरकरार रखा जा सकता है, इस मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव की जुबानी ही जानिए.

  • कर्मचारियों को छुट्टियों पर जाने के लिए कहा जा रहा
  • मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव बोलीं- हौसला नहीं गिरने दूंगी

उसने इंडिया टुडे को फोन पर बताया, ‘आज मेरा घर पर रहने का पहला दिन है. ये मुझे बाकी दुनिया से अलग रहने यानी सेल्फ क्वारंटाइन के लिए मदद करेगा. यद्यपि मैं खुद का हौसला नहीं गिरने दूंगी. जिस पल मैंने खुद के साथ ऐसा होने दिया वो मेरे लिए बहुत तकलीफ वाला वजूद होगा.’

‘कोरोना वायरस का खतरा धीरे-धीरे देश में नौकरियां जाने की ओर बढ़ रहा है. अगर ऐसी ही स्थिति चलती है तो कंपनी कैसे कोई मुनाफा बनाएगी. समझदारी वक्त के इस मोड़ पर कुछ नया देखने में है, लेकिन बाजारों की हालत इतनी खराब है कि ऐसे वक्त में किसी को नई नौकरी पर शायद ही रखा जाए.’

‘इस वक्त हम ब्रह्मांड के सामने घुटनों के बल पर बैठे हैं और इस स्थिति में हम कुछ नहीं कर सकते. कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को छुट्टी पर जाने के लिए कहा है. कुछ जगह तो बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जा रहा है. किसी के अपनी नौकरी बनाए रखने को लेकर भारी अनिश्चितता है, इस बात पर भी कि अगले महीने का वेतन मिलेगा या नहीं. हम डर के माहौल में जी रहे हैं.’

‘मैं किराए के फ्लैट में रहती हूं. अब मैं किसी रूममेट की तलाश में हूं. मुझे किराए को साझा करने वाला चाहिए. मैं जिम जाया करती थी जो अब बंद हो चुका है. इसे छोड़ने का असर भी मुझ पर दिख रहा है. क्योंकि मैं वर्किंग आउट की आदि हूं इसलिए मैंने ऑनलाइन डम्बबेल्स खऱीदने का विकल्प चुना, इसलिए मैं घर पर ही वर्क आउट की तैयारी कर रही हूं.’

‘मैं सेहत के लिए फायदेमंद खानपान पर ध्यान करूंगी. फिर से खाना बनाऊंगी जो मेरे लिए सुकून देने वाले इलाज जैसा है. शेल्फ पर जो किताबें लंबे अर्से से सजी हैं, उन्हें पढूंगी. बौद्ध दर्शन अपनाऊंगी और मुझे लगता है कि हमें पूरे ब्रह्मांड के लिए मंत्र पढ़ने चाहिए.’

'फ्रीलॉन्सर्स की जरूरत होगी'

‘मैं फ्रीलांसिंग के विकल्प तलाश करूंगी, क्योंकि मैं जानती हूं कि जब बहुत सी कंपनियां लोगों को नौकरियों पर नहीं रख रही हैं तो उन्हें हाथ में जो काम है, उसे पूरा करने के लिए फ्रीलॉन्सर्स की जरूरत होगी.’

‘मैंने अपने सोसाइटी के सेक्रेटरी के साथ दिलचस्प विचार साझा किया है, क्योंकि स्कूल बंद है, बच्चे घरों में पूरा दिन बंद हैं. मैं एक वक्त पर पांच बच्चों के लिए स्टोरी-टैलिंग क्लास शुरू करने की योजना बना रही हूं. क्रिएटिव शख्स होने की वजह से मैं अपनी क्षमताओं का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल करूंगी.’

‘मुझे अपने माता-पिता की आर्थिक मदद भी करनी होती है. मैं अपने गृहनगर में नहीं रहती. माता-पिता से दूर रहती हूं. इसलिए मैं अपने जॉब की अनिश्चितता के बारे में उन्हें बताने को लेकर काफी आशंकित थी. लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ कि वो मेरी दिक्कत को अच्छी तरह समझते हैं. उन्होंने मुझसे घर पर साथ रहने के लिए ही कहा. मेरा एक भाई भी है जो इस संकट की घड़ी में मेरा साथ दे रहा है.’