मीडिया के सामने आए कांग्रेस के बागी, बोले- सिंधिया हमारे नेता, BJP में जाने पर फैसला नहीं

मध्य प्रदेश में पिछले दो हफ्तों से जारी सियासी घमासान अपने चरम पर है. सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया, हालांकि राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से कमलनाथ सरकार को 17 मार्च तक बहुमत साबित करने को कहा गया. इसके अलावा आज मध्य प्रदेश के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होगी, बहुमत परीक्षण को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने सर्वोच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है.

  • आज सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश का मामला
  • बीजेपी की सुनवाई पर SC करेगा सुनवाई
  • स्पीकर ने 26 मार्च तक स्थगित की विधानसभा

बागी विधायक बोले- हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया

पिछले कई दिनों से कर्नाटक के बेंगलुरु में रुके हुए कांग्रेस के बागी विधायकों ने मंगलवार को मीडिया से बात की. बागी विधायकों का कहना है कि हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं. हालांकि, विधायकों का कहना है कि अभी उन्होंने बीजेपी में जाने पर फैसला नहीं लिया है, वे इसपर विचार करने के बाद फैसला करेंगे.
 
कांग्रेस के बागी विधायक करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
 
बेंगलुरु के रिजॉर्ट में रुके हुए कांग्रेस के बागी विधायक आज सुबह 9.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. यहां कांग्रेस से बगावत कर चुके 16 विधायक रुके हुए हैं जिन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा भेजा है. हालांकि, अभी तक ये इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. ऐसे में इस बात पर सस्पेंस बना हुआ है कि सदन में बहुमत परीक्षण के दौरान इन विधायकों का क्या रुख रहता है.
 
क्या कहता है नंबर गेम?
 
बीजेपी – 107
कांग्रेस – 91 (+1 स्पीकर)
बागी विधायक – 16 (अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं)
बसपा – 2
सपा – 1
निर्दलीय – 4
6 लोगों का इस्तीफा स्वीकार हुआ.
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 228 की संख्या है, 6 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. ऐसे में विधानसभा की संख्या 222 है और बहुमत साबित करने के लिए 112 का आंकड़ा चाहिए.
 
स्पीकर ने 26 मार्च तक स्थगित की विधानसभा
 
विधानसभा का सत्र सोमवार को जब शुरू हुआ तो काफी ड्रामा हुआ. राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण की पहली और आखिरी लाइन पड़ी और उसके तुरंत बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित कर दिया. इसके बाद बीजेपी ने अपने 106 विधायकों की परेड राज्यपाल के सामने की और कहा कि कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल के आदेश का पालन नहीं किया.