दर्जा प्राप्त मंत्रियों की संख्या मंत्रियों से तीन गुना

मध्यप्रदेश में अब दर्जा प्राप्त मंत्रियों की संख्या मंत्रीमंडल के मंत्रियों से तीन गुना हो गई है। मप्र में कुल 31 मंत्री हैं परंतु सीएम शिवराज सिंह ने 92 नेताओं को मंत्री का दर्जा दे दिया है। इस तरह मप्र में अब कुल 123 मंत्री हो गए हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि मप्र का मंत्रीमंडल भी जातिवाद को ध्यान में रखकर ही बनाया गया था। अब दर्जा प्राप्त मंत्रियों की फौज खड़ी कर दी गई। पिछले तीन महीने में 11 लोगों को दर्जा मंत्री बनाया गया है।
राज्य सरकार ने नर्मदा किनारे पौधारोपण और जल संरक्षण की जनजागरूकता के लिए गठित समिति में पांच बाबाओं को सदस्य बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देकर उपकृत किया है। इनमें कंप्यूटर बाबा, पं. योगेंद्र महंत, नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी और भय्यूजी महाराज के नाम शामिल हैं। कंप्यूटर बाबा और पं.योगेंद्र महंत ने नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने की धमकी दी थी लेकिन, राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही उनके सुर बदल गए। अब वे घाटों पर जनजागरण करने की बात कहने लगे हैं। बाबाओं का तर्क है कि यदि हम राज्यमंत्री का दर्जा नहीं स्वीकारते तो नर्मदा संरक्षण का काम कैसे आगे बढ़ाते। अब हम कलेक्टरों से अधिकारपूर्वक बात करेंगे?

ये हैं दर्जा मंत्रियों की सुविधाएं
राज्य सरकार 35 को मंत्री और 57 को राज्यमंत्री का दर्जा दे चुकी है। आइए जानते हैं कि इन दर्जा प्राप्त मंत्रियों को सरकारी खजाने से क्या क्या दिया जाएगा:
* एक लग्झरी वाहन।
* 1000 किलोमीटर का डीजल/पेट्रोल।
* 15 हजार रुपए मकान किराया।
* 3000 सत्कार भत्ता।
* मानदेय के बतौर 13 हजार 500 रुपए (मंत्री) और 7500 रु.(राज्यमंत्री)।
* कार्यालयीन स्टाफ के साथ अपना निजी सहायक रखने की पात्रता।