JNU: सिर्फ सबूत का दावा, 100 घंटे बाद भी हिंसा केस में किसी की गिरफ्तारी नहीं

तीन दिन और चार रात बीत चुके हैं लेकिन जेएनयू में घुसकर छात्रों पर हमला करने वालों को पुलिस नहीं पकड़ पाई है. इससे छात्रों और वहां के टीचरों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. आज यानी गुरुवार को जेएनयू के छात्र और शिक्षकों का एक गुट मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च करने वाला है.
छात्रों और शिक्षकों का दल सुबह 10 बजे जेएनयू के गंगा ढाबा में इकट्ठा होगा और फिर वहां से बसों से मंडी हाउस पहुंच जाएगा. मंडी हाउस से सुबह 11 बजे मार्च शुरू होगा. छात्र और शिक्षक जेएनयू को वीसी को हटाने की मांग कर रहे हैं.
जेएनयू कैंपस में हिंसा के गुनहगारों की अब तक गिरफ्तारी ना होने से पुलिस की भारी किरकिरी हो रही है. सवाल है कि नकाबपोश कौन थे, कैसे यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए, पुलिस अहम सुराग हाथ लगने का दावा तो करती है लेकिन 4 दिन बाद भी हमलावरों की पहचान ना होना इसका सबूत है कि उनके दावे सिर्फ दावे हैं.
100 घंटे बीत गए हैं, लेकिन हिंसा फैलाने वाले अब भी पुलिस की पकड़ से आजाद हैं. बताया जा रहा है कि हमलावरों के चेहरे छुपे हुए थे इसलिए कैमरे में कुछ रिकॉर्ड नहीं हुआ. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक हमलावरों की पहचान में देरी की सबसे बड़ी वजह यही है.
जेएनयू में 5 जनवरी के हमले के वक्त सीसीटीवी सर्वर डैमेज था. सर्वर डैमेज होने से पुलिस को सीसीटीवी की फुटेज नहीं मिल पाई है. ये सर्वर हमले से 2 दिन पहले 3 जनवरी को डैमेज किया गया था. यानी हमलावरों को कैंपस की इस कमी की जानकारी थी. यही वजह है कि वो हिंसा के बाद भी वो कैंपस में खुल्लमखुल्ला घूमते रहे. उत्पात मचाते रहे.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस मोबाइल वीडियो और वॉट्सऐप ग्रुप चैट की पड़ताल कर रही है. फॉरेंसिक एक्सपर्ट के जरिए सबूत जुटाए जा रहे हैं. पुलिस की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ये जानने में जुटी है कि किस तरह से ये हिंसा भड़की और जेएनयू के अंदर क्या क्या हुआ?
इसके अलावा दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अखबारों में विज्ञापन देकर केस से जुड़ी फोटो, वीडियो या कोई भी जानकारी देने को कहा है. अगर किसी के पास कोई सूचना है तो वो 7 दिन के अंदर क्राइम ब्रांच को दे सकते हैं.
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार रात हुई हिंसा को लेकर वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने आजतक से खास बातचीत की है. यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाने पर जगदीश कुमार ने कहा कि सर्वर रूम पर हमला सुनियोजित तरीके से किया गया था. छात्रों ने केबल को नुकसान पहुंचाया. कॉलेज में तीन दिनों तक काम ठप रहा. सिस्टम को रीस्टोर करने में 3 दिन लगे.
दरअसल, सर्वर रूम से जेएनयू का पूरा ऑपरेशन चलता है. चाहे वो डिग्री हो या फिर सामान्य प्रशासन का कोई मामला. जेएनूय प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने सर्वर रूम पर हमला करने के मामले में केस दर्ज किया है. छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के अलावा 19 छात्रों पर मामला दर्ज किया गया है. इन पर आरोप है कि 4 जनवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ की और सुरक्षाकर्मियों को भी पीटा. पुलिस के साथ-साथ जेएनयू की एक कमेटी अलग से इस मामले की जांच कर रही है.