बाजार में बढ़े कद को भुनाने में जुटा भारत, कच्चे तेल पर करेगा जबदस्त मोलभाव

भारत सरकार ने कच्चा तेल बेचने वाले देशों से जबदस्त मोल-भाव करने की योजना बनाई है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल इंपोर्टर है. ऐसे में सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री के साथ होने वाली बैठक में भारत का जोर अपनी इसी हैसियत को भुनाने पर होगा.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी और सरकारी तेल कंपनियों के 2 अधिकारियों के हवाले से बताया कि भारत इस हफ्ते होने वाले अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा फोरम की चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर मेजबानी कर रहा है. इस बैठक में भारत को सऊदी अरब और नाइजीरिया से कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर बातचीत आगे बढ़ने की उम्मीद है.

वहीं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'दुनिया भारतीय बाजार के आकार और इसकी खपत को अच्छी तरह समझती है. हम चाहते हैं कि आपूर्तिकर्ता भारत के प्रति पहले के मुकाबले और अनुकूल दृष्टिकोण दिखलाएं. हम चाहते हैं कि समझौते और ज्यादा पारदर्शी और न्यायसंगत हों.'

क्या है मामला

 पेट्रोल एक्सपोर्ट करने वाले देशों के संगठन की फिलहाल सबसे बड़ी चिंता नॉन ओपेक देश है. दरअसल अमेरिका ने शेल गैस टेक्नोलॉजी के जरिए सस्ते में ज्यादा क्रूड उत्पादन करना शुरू कर दिया है. साथ ही, अमेरिका अब क्रूड एक्सपोर्ट भी करने लगा है. इससे ओपेक देशों की चिंताएं बढ़ गई है.

ईरान ने भी दिया था ऑफर
एक विशेषज्ञ के मुताबिक, इस तरह की मांगें ग्लोबल एनर्जी ग्रोथ की बड़ी ताकत के तौर पर भारत के नए आत्मविश्वास को दर्शाती हैं. भारत को कुछ रियायतें मिलने भी लगी हैं. ईरान ने हाल ही में भारत को बड़ा ऑफर दिया था. उसने कच्चे तेल पर इंसेंटिव की पेशकश की थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार इस ऑफर को भुनाने की तैयारी में है. इस क्रम में भारतीय सरकारी रिफाइनरियों ने वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान से ऑयल इंपोर्ट दोगुना करने की योजना बनाई है. वहीं ईरान ने तीसरे बड़े ऑयल इंपोर्टर देश में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए यह ऑफर दिया है.