रावलपिंडी टेस्ट: आतंकी हमले के 10 साल बाद PAK में पहला टेस्ट खेलेगी श्रीलंका

दस साल पहले पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवादी हमला झेल चुकी श्रीलंकाई क्रिकेट टीम बुधवार से रावलपिंडी में पहला टेस्ट खेलेगी जो यहां टेस्ट क्रिकेट की बहाली की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी वसीम खान ने इसे ऐतिहासिक पल बताया है. श्रीलंका की टीम भारी सुरक्षा के बीच पहला टेस्ट रावलपिंडी में और दूसरा कराची में खेलेगी.

2009 में लाहौर में गद्दाफी स्टेडियम के बाहर श्रीलंकाई टीम की बसों के काफिले पर आतंकवादी हमले में आठ लोग मारे गए थे और सात खिलाड़ी तथा अधिकारी घायल हो गए थे.

श्रीलंका के कप्तान दिमुथ करूणारत्ने ने कहा,‘यह मेरा पाकिस्तान का पहला दौरा है.’ उन्होंने कहा ,‘2009 की घटना के बाद खिलाड़ी पाकिस्तान जाने से डरने लगे थे, लेकिन पिछले दो साल में श्रीलंका और दूसरी टीमें यहां आई हैं. हम यहां अच्छा क्रिकेट खेलने के इरादे से आए हैं.’

पिछले दस साल में अंतरराष्ट्रीय टीमें सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान आने से कतराती रही हैं और पाकिस्तान ने अपने घरेलू मैच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेले हैं. चार साल पहले जिम्बाब्वे ने पाकिस्तान आकर टी-20 मैच खेले.

पाकिस्तान की टीम मार्च 2009 के बाद अपने घर में पहली बार टेस्ट खेल रही है. इस दौरान उसने 88 टेस्ट अपने घर से बाहर खेले, जिसमें उसे 33 में जीत मिली, जबकि 41 में हार मिली और 14 टेस्ट ड्रॉ रहे. उसका जीत प्रतिशत 37.50 रहा. मजे की बात है कि इस दौरान घर से बाहर उसका यह जीत प्रतिशत घर से बाहर खेलने वाली अन्य टेस्ट टीमों से ज्यादा रहा. 

श्रीलंकाई टीम ने सितंबर और अक्टूबर में यहां छह मैचों की सीमित ओवरों की सीरीज खेली. पाकिस्तान की मौजूदा टीम में से किसी खिलाड़ी ने अपने देश में टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है.

विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत दोनों टीमों के लिए यह दूसरी सीरीज है. यह पाकिस्तान के कोच मिस्बाह उल हक और श्रीलंका के मिकी ऑर्थर के बीच भी मुकाबला होगा. ऑर्थर अगस्त तक पाकिस्तान के कोच थे जिन्हें हटाकर मिसबाह को जिम्मेदारी सौंपी गई.