लोकसभा में पेश नागरिकता बिल, 82 के मुकाबले 293 वोटों से प्रस्ताव स्वीकार

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नागरिकता कानून को बदलने के लिए तैयार है. आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन कानून बिल को पेश किया. सड़क से संसद तक इस बिल का विरोध हो रहा है लेकिन मोदी सरकार ने इसपर आगे बढ़ने की ठानी है. कांग्रेस, टीएमसी समेत कई अहम विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध करने की बात कही है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है.

  • आज लोकसभा में पेश हुआ नागरिकता संशोधन बिल
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में पेश किया बिल
  • कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां कर रही हैं विरोध
  • मंगलवार को लोकसभा में बिल पर शुरू होगी चर्चा

बिल पेश होने के पक्ष में मतदान

लोकसभा में नागरिकता बिल पेश होगा. पेश होने के लिए जो वोटिंग हुई उसमें 293 हां के पक्ष में और 82 विरोध में वोट पड़े. लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया.
नागरिकता बिल के पेश होने पर विपक्ष ने विरोध किया है और अब बिल के पेश होने पर वोटिंग होगी.
 
अमित शाह ने कहा कि इस बिल की जरूरत कांग्रेस की वजह से पड़ी. धर्म के आधार पर कांग्रेस ने देश का विभाजन किया. इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती, कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश को बांटा.
 
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि हमारे देश की 106 किमी. सीमा अफगानिस्तान से सटी है, ऐसे में उसे शामिल करना जरूरी था. मैं इसी देश का हूं और भूगोल जानत हूं. शायद ये लोग PoK को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं.
 
विपक्षी नेताओं की तरफ से आर्टिकल 14 पर जो सवाल खड़े किए गए, उसपर अमित शाह जवाब दे रहे हैं. अमित शाह ने इस दौरान कहा कि इस बिल में संविधान का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.
 
ओवैसी ने किया बिल का विरोध...
 
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सेक्युलिरिज्म इस मुल्क का हिस्सा है, ये एक्ट फंडामेंटल राइट का उल्लंघन करता है. ये बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है. इस मुल्क को इस कानून से बचा ले लीजिए, गृह मंत्री को बचा लीजिए.