मोदीराज में कई राज्यों में कम हुआ भ्रष्टाचार! एक साल में 10 फीसदी घटी घूसखोरी: सर्वे

पिछले एक साल में देश के कई राज्यों में भ्रष्टाचार में कमी आई है. इसके साथ ही, एक साल में देश में घूसखोरी के मामलों में 10 फीसदी की कमी आई है. देश के 20 राज्यों में किए गए एक सर्वे में यह दावा किया गया है.

दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल तक कम हुआ भ्रष्टाचार

दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, वेस्ट बंगाल, केरल, गोवा, ओडिशा के लोगों ने सर्वे में यह माना कि उनके यहां भ्रष्टाचार के मामले कम हुए हैं. दूसरी तरफ, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में भ्रष्टाचार के ज्यादा मामलों की शिकायत आई है. यह सर्वे ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (TII) और लोकल सर्कल्स के द्वारा किया गया. 'इंडिया करप्शन सर्वे 2019' में 248 जिलों के 1,90,000 लोगों से बातचीत की गई थी. सर्वे में शामिल 51 फीसदी लोगों ने यह माना कि 12 महीनों में उन्होंने घूस दिया है.

भारत की रैंकिंग में सुधार

TII के द्वारा जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2018 में भारत की रैकिंग में सुधार आया है. 180 देशों की सूची में भारत को 78वां स्थान मिला है, इस तरह इसके पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में 3 पायदान सुधार हुआ है. सर्वे के अनुसार घूस के रूप में अब भी सबसे ज्यादा नकदी देना या लेना पसंद किया जाता है.

सर्वे में शामिल 35 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले 12 महीने में अपना काम कराने के लिए उन्हें घूस के रूप में नकदी देनी पड़ी है. इसके अलावा 16 फीसदी लोगों ने कहा है कि उनका काम बगैर घूस के हुआ है. सर्वे के अनुसार सबसे ज्यादा घूसखोरी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन एवं जमीन से जुड़े विभाग, पुलिस और नगर निगमों में होता है.

सर्वे के अनुसार, सरकारी विभागों में सीसीटीवी कैमरे लग जाने और कंप्यूटरीकरण से घूसखोरी थोड़ी मुश्किल जरूर हुई है, लेकिन यह अब भी जारी है और दलाल अब भी पनप रहे हैं. सर्वे में शामिल सबसे ज्यादा 26 फीसदी लोगों का कहना था कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और जमीन से जुड़े विभागों में सबसे ज्यादा घूसखोरी होती है.

सिर्फ 12 फीसदी लोगों का यह मानना है कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और जमीन से जुड़े विभागों में पिछले एक साल में घूसखोरी में कमी आई है.

सर्वे में शामिल 49 फीसदी लोगों का यह कहना है कि घूसखोरी पहले की तरह जारी है और 8 फीसदी लोगों का तो यह मानना है कि इसमें कमी आई है. 9 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें कभी भी घूस देने की जरूरत नहीं पड़ी.

7 फीसदी लोग यह मानते हैं कि कर संबंधी विभागों में भ्रष्टाचार कम हुआ है. गौरतलब है कि पिछले 6 महीने में सरकार आयकर विभाग के 25 वरिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त कर चुकी है.