इधर बैठकों का दौर, उधर समर्थन पत्र पर दस्तखत की रेस, महाराष्ट्र में कुर्सी की जंग तेज

महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता के खेल ने जोर पकड़ा है. चुनाव नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को बता दिया है कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है. अब शिवसेना से पूछा गया है कि क्या वह सरकार बनाना चाहेगी? ऐसे में एक बार फिर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक्टिव हो गए हैं. अब देखना होगा कि क्या महाराष्ट्र में इतिहास पलटेगा और इस बार शिवसेना का मुख्यमंत्री देखने को मिलेगा?

 

  • महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राजनीतिक हलचल तेज
  • कांग्रेस के अधिकतर विधायक शिवसेना संग जाने के पक्ष में- सूत्र
  • एनसीपी की शर्त के बाद अरविंद सावंत के इस्तीफे का ऐलान
  • बीजेपी के इनकार के बाद शिवसेना को सरकार बनाने का ऑफर

हस्ताक्षर तक पहुंची बात

शिवसेना विधायकों ने राज्यपाल को दिए जाने वाले पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इनके अलावा शिवसेना के साथ आने वाले निर्दलीय विधायकों ने भी दस्तखत कर दिए हैं. वहीं, दूसरी तरफ मल्लिकार्जुन खड़ने ने कांग्रेस विधायकों की राय वाले पत्र पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिए हैं.
 
अरविंद सावंत  देंगे इस्तीफा
 
शिवसेना के कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री अरविंद सावंत थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और इस्तीफा देंगे. इसके बाद सावंत प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.
 
कांग्रेस के अधिकतर विधायक समर्थन के पक्ष में
 
कांग्रेस के 44 में 37 विधायक इस बात पर सहमत बताए जा रहे हैं कि शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने के पक्ष में हैं. कांग्रेस के विधायकों को फिलहाल जयपुर में रखा गया है और दिल्ली में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर बैठक कर रहा है.
 
शुरू हुआ बैठकों का दौर...
 
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है. मुंबई में एनसीपी की कोर कमेटी की बैठक शुरू हो गई है, साथ ही शिवसेना विधायक भी बैठक कर रहे हैं. दूसरी ओर दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हो रही है, सभी नेताओं का पहुंचना शुरू हो गया है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में महाराष्ट्र को लेकर बैठक होनी है.
जयपुर में विधायकों के साथ बैठक करने के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी दिल्ली पहुंच गए हैं. अधिकतर विधायकों का कहना है कि किसी भी कीमत पर शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएं.