दोस्ती, डिनर और MMS, हनी ट्रैप का गंदा खेल देखकर पुलिस भी हैरान

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हनी ट्रैप का एक बड़ा गैंग सामने आया है जिसने सूबे में हड़कंप मचा दिया है. इसमें 5 लड़कियां और 1 लड़का गिरफ्तार हुआ है. यह गैंग पहले भी कई वारदात कर चुका था और अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर कई मंत्री और बड़े अफसरों की सेक्स क्लिप बना चुका था. इंदौर के एक नगर निगम अफसर पर जब इन्होंने 3 करोड़ रुपये के लिए शिकंजा कसा तो इस गैंग का ही शिकार हो गया. पुलिस गिरफ्त में आने के बाद जो खुलासे हो रहे हैं, उसने कई रसूखदारों की नींद उड़ा दी है.
पुलिस अधिकारियों की जांच के मुताबिक, हनी ट्रैप गैंग के मेंबर्स अपना काम निकालने के लिए भोले और सीधे से दिखने वाले राजनेताओं और अफसरों को निशाना बनाते थे. इस गैंग में कुछ सलाहकर पत्रकार भी शामिल हैं जो ऐसे राजनेताओं और अफसरों की लिस्ट तैयार करने में मदद करते थे जो लड़कियों की खूबसूरती पर फिदा हो जाते थे.
एक बार जब शिकार तय हो जाता था तो वह राजनेता और असफरों को अप्रोच करते थे. वह अपने को उनके सामने ऐसे पेश करते थे कि उन्हें काम की सख्त जरूरत है.
जब वह अपने शिकार के साथ कॉन्फिडेंस विकसित कर लेते थे तो फिर अपने जिस लोकेशन पर शिकार को हिट किया जाना होता है, वह तय कर लेते थे.
इस खेल में अब आगे सधे-सधाए कदम रखने की जरूरत पड़ती है. जब टारगेट और लोकेशन तय हो जाती है तो उस कमरे में हिडेन कैमरों का जाल बिछाया जाता है.
उस जाल में फंसकर अफसरों और नेताओं का सेक्स वीडियो बनता है. जब उनके पास वीडियो रिकॉर्ड हो जाता है तो अगला कदम उनके सलाहकार पत्रकारों की मदद से उठाया जाता है. सलाहकार पत्रकार शिकार को फोन करते हैं और उन्हें डराते हैं कि उनके पास तुम्हारी अय्याशियों का सेक्स वीडियो है.
यदि अफसर और नेता दबाव में आ जाते हैं और पैसों और काम की डिमांड पूरी कर देते हैं तो ठीक, नहीं तो वह अनजान से साइट और छोटे न्यूजपेपरों में कहानियां चलवाते हैं कि एक सीनियर राजनेता या अफसर की सेक्स सीडी चारों तरफ घूम रही हैं. वह शिकार का नाम ओपन नहीं करते थे क्योंकि उन्हें पैसा चाहिए होता था.
यदि शिकार तब भी नहीं मानता था और उनके कहे अनुसार काम नहीं करता था तो वह सेक्स वीडियो की छोटी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल कर देते थे.
अंत में सलाहकार पत्रकारों की मदद से कैश में पैसे की वसूली यह गैंग कर लेती थी. यह खेल कई महीनों से चल रहा था. एक बार जो इनके चंगुल में फंस जाता था, वह इनका गुलाम बन जाता था.
कई बार हनी ट्रैप का यह गैंग सलाहकार पत्रकारों की भी बाइपास कर देता था और सीधे ही शिकार से पैसों की वसूली कर चुके थे.