मोदी का मिशन फिट इंडिया

सरकार अब आम लोगों को फिट बनाने के लिए अभियान चला रही है. पहले स्वच्छता, फिर योग और अब फिट इंडिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को खेल दिवस के अवसर पर फिट इंडिया अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसका असली मकसद आम लोगों को फिट रखना होगा. इसके लिए सरकार बड़े स्तर पर अभियान चलाएगी, शहर हो या गांव हर जगह लोगों को फिट रहने के फंडे बताए जाएंगे. इस अभियान को सरकार अपने पूरे कार्यकाल में चलाएगी. इस अभियान को जमीन पर उतारने के लिए सरकार कई स्तर पर काम करने जा रही है.
वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना को खेल मंत्रालय के अंतर्गत लॉन्च करने जा रहे हैं, लेकिन इसके तहत हर मंत्रालयों को काम करना होगा. यानी खेल मंत्रालय योजना को लॉन्च करेगा, फिर उसके बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय उसके प्रचार या फिर अन्य कोई मंत्रालय किस तरह इस अभियान में साथ दे सकता है, उसे प्लान देकर आगे बढ़ना होगा. इनमें मानव संसाधन मंत्रालय, शहरी विकास, ग्रामीण विकास समेत अन्य मंत्रालय भी साथ जुड़ने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस योजना को लॉन्च करने वाले हैं, ऐसे में समर्थकों में पीएम मोदी की अपील का असर होगा. लेकिन साथ ही साथ सरकार खेल, मनोरंजन की हस्तियों का भी सहारा लेकर इस मिशन को आगे बढ़ाएगी. फिट इंडिया मूवमेंट लॉन्च होने से पहले ही मैरीकॉम, राजनाथ सिंह, कॉनरेड संगमा समेत कई बड़ी हस्तियों के द्वारा इसके बारे में ट्वीट किया गया और लोगों से जुड़ने की अपील की गई.
फिटनेस के लिहाज से केंद्र सरकार पहले ही योग को बढ़ावा दे रही है, दूसरी ओर अब फिट इंडिया का अभियान चलाया जा रहा है. अब सरकार इसे कई स्तर पर ले जाने की सोच रही है, जैसे की मानव संसाधन मंत्रालय के जरिए बच्चों की शिक्षा में, बच्चों को स्वच्छ खाना खाने की आदत डलवाना, बुजुर्गों के लिए कई तरह की योजनाओं को लागू करना जैसे काम सरकार आगे बढ़ा सकती है.फिट इंडिया अभियान की जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार प्रचार के हर माध्यम का सहारा लेगी. इसके लिए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी या फिर अन्य हस्तियों की अपील ही नहीं, टीवी-रेडियो-अखबार-डिजिटल माध्यम से प्रचार किया जाएगा और फायदों को गिनाया जाएगा. इसके अलावा पंचायत, नगरपालिका, नगर पंचायत स्तर पर लोगों के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.
अगर भारत की जीडीपी को देखें तो स्वास्थ्य पर देश में सिर्फ GDP का एक फीसदी ही खर्च होता है, जो कि पिछले एक दशक में सबसे कम है. इसके अलावा आम जीवन के लोगों में अधिकतर खर्च दवाईयों में हो रहा है, सरकार एक तरफ स्वच्छ भारत के तहत वातावरण शुद्ध करने की ओर बढ़ रही है तो योग और फिट इंडिया के जरिए लोगों को भी सेहत के लिए सचेत करने की कोशिश की जा रही है. स्वास्थ्य के मामले में श्रीलंका, मालदीव, भूटान जैसे देश खर्च करने के मामले में हिंदुस्तान से आगे हैं.