शास्त्री बने टीम इंडिया के कोच, दो साल में सामने होंगी ये 4 बड़ी चुनौतियां

कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की 3 सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने रवि शास्त्री को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद पर बरकरार रखा है.
शास्त्री का नया कार्यकाल टी-20 विश्व कप-2021 तक होगा. वह इस समय टीम के साथ विंडीज दौरे पर हैं और उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से CAC के समक्ष इंटरव्यू दिया. शास्त्री ने इस रेस में ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी और न्यूजीलैंड के माइक हेसन को पीछे छोड़ा. इसी के साथ कोच शास्त्री के सामने अब चार चुनौतियां हैं, जिनसे उन्हें पार पाना होगा.
शास्त्री के सामने 4 चुनौतियां
> 2020 टी-20 वर्ल्ड कप में खिताब दिलाना
> 2021 टी-20 वर्ल्ड कप में चैंपियन बनाना
> 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में टीम को कामयाब बनाना
> 2021 में ही वर्ल्ड वनडे चैंपियनशिप में टीम को चैंपियन बनाना
शास्त्री के कोच चुने जाने के बाद यह कहा जा सकता है कि कोच और कप्तान की जुगल जोड़ी सलामत है. इस जोड़ी के टूटने की थोड़ी ही सही आशंका तो थी, आशंका ये भी थी कि वेस्टइंडीद दौरा मनमुताबिक नहीं गया तो तलवारें दोनों पर लटक सकती हैं. मगर अब आगे भी ये दोनों ही हैं और दोनों दुरुस्त हैं. अब अगले 2 साल के लिए रवि शास्त्री ही टीम इंडिया के हेड कोच होंगे.
अव्वल बात तो ये कि एडवरटाइजमेंट के बाद भी कोच पद के लिए ढंग के आवेदन नहीं आए. ले-देकर टॉम मूडी से चुनौती मिल सकती थी. लेकिन सवाल ये है कि शास्त्री की दावेदारी को दरकिनार करना उनके भी बस की बात नहीं थी. माना कि भारत वर्ल्ड कप में हार गया, मगर दिखाने के लिए रवि शास्त्री के पास वो नतीजे हैं जिन्हें कम कर के आंकना उनके आलोचकों तक के लिए मुश्किल होता.
रवि शास्त्री के दूसरे कार्य़काल में भारत ने टेस्ट में 52 फीसदी मैचों में जीत दर्ज की, वनडे में 72 और टी-20 में 66 फीसदी मैचों में टीम विजयी रही. ऐसे आंकड़े किसी और भारतीय कोच के नहीं रहे. फिर किस आधार पर उन्हें कोई बाहर का रास्ता दिखा सकता था.
अगर टीम में दरार, मतभेद या मनभेद की बात होती तो शायद कोच को कसूरवार माना जा सकता था, मगर विराट और शास्त्री एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों के बीच जिस विवाद की खबरों ने तूल पकड़ा उसे भी दोनों ने मिलकर दबोच लिया.