MP में महंगी हुई बिजली, आदेश जारी, बिजली कंपनियों ने दिया घाटे का हवाला

बिजली की दरों में 7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. बिजली कंपनियों ने घाटे का हवाला देते हुए मांग की थी कि बिजली की कीमतें 12 फीसदी तक बढ़ाई जाएं लेकिन नियामक आयोग ने 7 फीसदी दरें ही बढ़ाई.

पहले से ही मध्य प्रदेश पेट्रोल-डीजल पर देश मे सबसे ज्यादा वैट देने वाला राज्य बना हुआ है. ऐसे में मध्य प्रदेश के लोगों को नई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. मध्य प्रदेश के लोगों को अब अगले महीने से बिजली की भी बढ़ी हुई दरें चुकानी पड़ेंगी. मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरें घोषित कर दी है.

गुरुवार रात जारी किए गए आदेश के मुताबिक बिजली की दरों में 7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. बिजली की बढ़ी हुई कीमतें 17 अगस्त से लागू हो जाएंगी. हालांकि आपको बता दें कि बिजली कंपनियों ने घाटे का हवाला देते हुए मांग की थी कि बिजली की कीमतें 12 फीसदी तक बढ़ाई जाएं लेकिन नियामक आयोग ने 7 फीसदी दरें ही बढ़ाईं.

ये होंगी नई दरें

मध्य प्रदेश में बिजली महंगी होने के बाद घरेलू बिजली की दरें 5.1% बढ़ी हैं तो वहीं गैर घरेलू बिजली की दरें 4.9% बढ़ी है. उपभोक्ताओं को अब नीचे दी गई दरों से बिजली बिल चुकाना होगा.

50 यूनिट तक: 4.05 यूनिट/रुपया

51-150 यूनिट: 4.95 यूनिट/रुपया

151-300 यूनिट: 6.30 यूनिट/रुपया

300 यूनिट से अधिक: 6.50 यूनिट/रुपया

हालांकि नियामक आयोग ने वैवाहिक उद्यानों, सामाजिक/वैवाहिक आयोजन और धार्मिक समारोहों के लिए दिए जाने वाले अस्थाई कनेक्शन, ई-वेहिकल/ई-रिक्शा चार्जिंग सेंटर के लिए दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है.

बीजेपी ने जताया विरोध

मध्य प्रदेश बिजली नियामक आयोग द्वारा बिजली की कीमतें बढ़ाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने विरोध जताया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि 'मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग पर बोझ डाला है. कीमतें बढ़ाना जनता को प्रताड़ित करने का कार्य है'.