लोकसभा में बोले अमित शाह- PoK और अक्साई चीन के लिए दे देंगे जान

राज्यसभा से पास होने के बाद आज गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा में चर्चा के लिए रख दिया है. बीते दिन वोटिंग के बाद उच्च सदन से इस बिल को मंजूरी मिल गई थी जिसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे. लोकसभा में जम्मू कश्मीर में विशेष अधिकार देने वाला धारा 370 को खत्म करने का संकल्प भी पेश किया गया. साथ ही जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक पर भी सदन में चर्चा जारी है.

कश्मीर पर आज संवैधानिक त्रासदी: मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा कि पंडित नेहरू ने कदम उठाकर उसे भारत का अभिन्न अंग बनाया. उस विलय के साथ कुछ वादे में किए गए थे, जिसमें दिल्ली का करार भी शामिल है. साल 1952 में भारत के संविधान में धारा 370 को शामिल किया गया. उसी बीच जम्मू कश्मीर में संविधान सभा का गठन हुआ और वहां के लिए अलग संविधान की संरचना की. इसके बाद तय हुआ कि वहां का हर फैसला संविधान सभा, विधानसभा की राय लेने के बाद ही किया जाएगा. तिवारी ने कहा कि आज इस सदन में संवैधानिक त्रासदी हो रही है. धारा 3 की स्प्रिट संसद को खुद राय लेने का अधिकार नहीं देती न ही धारा 3 किसी सूबे को तोड़ने की बात कहती है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के गठन के वक्त राय ली गई थी और यूपीए ने कोई असंवैधानिक काम नहीं किया साथ ही धारा 3 के मुताबिक ही काम किया था. लेकिन आज जम्मू कश्मीर के संदर्भ में संविधान का पालन नहीं हुआ. बगैर विधानसभा के विचार के कोई भी राज्य का गठन आजतक नहीं किया गया था.
 
कांग्रेस ने बताया कश्मीर का इतिहास
 
चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि आजादी के बाद 2 मुल्क बने एक भारत और दूसरा पाकिस्तान, इसके बाद  562 रियासतें बनीं जिन्हें कहीं भी जाने की आजादी थी. तीन रियासतों को लेकर संवेदनशील स्थिति बनी वह तीन जम्मू कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ थी. महात्मा गांधी तक ने महाराजा हरि सिंह से कश्मीर का विलय भारत में करने की अपील की थी, लेकिन महाराजा असमंजस में थे.  फिर पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया और श्रीनगर की ओर बढ़ने लगे. महाराजा के सामने अब पाकिस्तान में विलय और भारत के साथ आने का विकल्प था. लेकिन महाराजा ने पाकिस्तानी घुसपैठियों का सामना किया और भारत से मदद की अपील की. महाराजा ने इसके बाद नेहरू की अगुवाई में भारत से संधि साइन की और फौज को कश्मीर बचाने के आदेश दिए गए.
 
शांति से करें चर्चा, दुनिया देख रही: गृह मंत्री
 
अमित शाह ने पुनर्गठन बिल पर कहा कि हम जम्मू कश्मीर के लिए 2 केंद्र शासित प्रदेश लेकर आ रहे हैं जिसमें लद्दाख और जम्मू कश्मीर होगी. जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी और चुना हुआ मुख्यमंत्री वहां काम करेगा. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कानून बनाने का अधिकार इस संसद को है. अमित शाह ने कहा कि हम सवाल का जवाब देने के लिए मैं तैयार हूं आप इसपर चर्चा कीजिए. हम शांत माहौल में चर्चा चाहते हैं क्योंकि घाटी समेत पूरा देश और दुनिया हमें देख रही है.