Budget 2019: अमीरों पर सेस, गरीबों को आस और ताकता रह गया मिडिल क्लास

मोदी 2.0 के पहले बजट में किसान, गांव पर फोकस रखा गया है, साथ ही करोड़पतियों पर टैक्स की मार को बढ़ा दिया है. लेकिन, मिडिल क्लास को जिस टैक्स में छूट की उम्मीद थी सरकार की ओर से उस पर ध्यान ही नहीं दिया गया है.

‘न्यू इंडिया’ का वादा कर प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आई मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट शुक्रवार को पेश किया. निर्मला सीतारमण ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश करते हुए इतिहास को बदला, तो कुछ नया करने की कोशिश भी की. मोदी 2.0 के पहले बजट में किसान, गांव पर फोकस रखा गया है, साथ ही करोड़पतियों पर टैक्स की मार को बढ़ा दिया है. लेकिन, मिडिल क्लास को जिस टैक्स में छूट की आस थी, सरकार की ओर से उस पर ध्यान ही नहीं दिया गया है.

‘न्यू इंडिया’ पर सरकार का फोकस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में एक बार फिर 2022 तक अपने लक्ष्य को सामने रखा. स्वच्छ भारत हो, हर घर जल हो, हर किसी को घर हो या फिर बिजली, हर योजना का लक्ष्य 2022 तक ही रखा गया है. निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि सरकार का फोकस है कि 2022 तक 1.92 करोड़ घर दिए जाएं. अभी तक देश में 9 करोड़ से अधिक शौचालय बने हैं, उन्हें और भी बढ़ाया जाए. साथ ही हर घर, हर नल में स्वच्छ पानी के लिए 1,500 ब्लॉक का चयन भी किया गया है.

अमीरों पर टैक्स की मार, लेकिन मिडिल क्लास को भूले

हर बार की तरह इस बार भी मिडिल क्लास की नजर टैक्स स्लैब पर थी. लेकिन वित्त मंत्री ने सैलरी क्लास को निराश किया. 2 लाख हो या तीन लाख या चाहे 10 लाख की आय वाला व्यक्ति क्यों ना हो, किसी को भी राहत नहीं मिली है. टैक्स स्लैब में किसी तरह का चेंज नहीं है, लेकिन अमीरों पर इस बार टैक्स का भार बढ़ाया गया है. जिनकी आय 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच है, उन पर 3 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया जाएगा. वहीं, 5 करोड़ से अधिक की सालाना आय वालों पर 7  फीसदी का सेस ठोका गया है.

स्टार्ट अप पर जोर, रोजगार पर गोल-मोल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में स्टार्टअप के लिए कई तरह के ऐलान किए हैं, ताकि युवाओं को बढ़ावा दिया जा सके. अब स्टार्ट अप करने वालों को शुरुआती तीन साल में आयकर विभाग की तरफ से कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा. साथ ही स्टार्ट अप के शुरुआत में लगने वाले एंजल टैक्स से मुक्ति दे दी गई है. लेकिन बजट में रोजगार पर किसी तरह का जोर नहीं दिया गया है. बेरोजगारी पिछले पांच साल में बड़ा मुद्दा रहा है लेकिन इस बजट में इस चुनौती से कैसे निपटा जाएगा, उसका कोई जवाब नहीं मिला है.

वित्त मंत्री ने ‘अपनों’ को दिया गिफ्ट

निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं. ऐसे में उन्होंने अपने पहले ही बजट में महिलाओं को बड़ी राहत दी है. अब जनधन खाताधारक महिलाओं को 5,000 रुपये ओवरड्राफ्ट की सुविधाएं दी जाएंगी. इसके अलावा मुद्रा लोन के तहत भी सेल्फ हेल्थ ग्रुप वाली महिलाओं को 1 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा.

शिक्षा पर बंपर ध्यान, हेल्थसेक्टर का जिक्र नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में शिक्षा पर काफी जोर दिया है. उच्च शिक्षा पर नया मसौदा तैयार किया जाएगा, सरकार इसके लिए 400 करोड़ रुपये का बजट भी जारी करेगी. इतना ही नहीं, नई शिक्षा नीति लाई जाएगी. शिक्षा नीति पर अनुसंधान केंद्र भी बनाया जाएगा. वित्त मंत्री ने ‘अध्ययन’ योजना का ऐलान किया है, जिसके तहत विदेशी छात्रों को भारत बुलाया जाएगा और स्टडी इन इंडिया कैंपेन के तहत उन्हें देश की सभ्यता के बारे में सिखाया जाएगा.

पिछले कार्यकाल में सरकार की ओर से आयुष्मान भारत जैसी बड़ी योजना को लागू किया गया. लेकिन इस कार्यकाल के पहले ही बजट में ही सरकार की तरफ से हेल्थसेक्टर में किसी तरह की नई बात का जिक्र नहीं किया गया है.

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए, ई-व्हीकल पर नजर

मोदी सरकार की तरफ से इस बार ई-व्हीकल पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए उनमें बड़ी छूट भी गई है, जिसे 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी वाले GST स्लैब में शामिल कर दिया गया है. दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये का अतिरिक्त सेस लगाया गया है. सरकार की कोशिश है कि आम लोग ई-व्हीकल को जल्द से जल्द अपनाएं, सिर्फ GST में छूट ही नहीं बल्कि अन्य कई लाभ भी लोगों को दिए जा रहे हैं.