सम्राट विक्रमादित्य ने वीरता, दानशीलता, न्याय, शौर्य और सुशासन का प्रस्तुत किया उदाहरण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सम्राट विक्रमादित्य ने वीरता, दानशीलता, न्याय, शौर्य और सुशासन का उदाहरण प्रस्तुत किया था। लगभग दो हजार साल पहले उनके शासनकाल की विशेषताओं पर महान नाट्य का मंचन पहली बार भोपाल में हो रहा है। आज का दिन ऐतिहासिक भी है क्योंकि कलाकारों द्वारा अश्व दल के उपयोग सशस्त्र सेना के जीवंत अभिनय से मंच साकार हो उठा। वास्तविक युद्ध की परिस्थितियों का चित्रण राजधानी के दर्शकों के लिए मंचित किया गया। नाटक में सम्राट विक्रमादित्य के राज्यारोहण के दृश्य और अन्य प्रसंग अद्भुत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को लाल परेड ग्राउंड में म.प्र. स्थापना दिवस के दूसरे दिन आयोजित सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य मंचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विरासत के संरक्षण के साथ विकास की बात कही है। मध्य प्रदेश इस मंत्र को अपना कर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा किकभी ये परिस्थिति बनी कि राष्ट्र की स्वतंत्रता बाहरी आक्रामकों के कारण खतरे में पड़ी। राष्ट्र की गरिमा धूल धूसरित हो गई। गुलामी की काली छाया थी। हमारी धर्म में विश्वास रखने वाली शांति प्रिय जनता धर्म ध्वजा उठाए सुख वैभव से रहती थी। आक्रामकों ने गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिया। मथुरा, कंधार, उज्जयिनी जैसे केंद्र नष्ट भ्रष्ट किए जाने लगे। हाहाकार मच गया। उस दौर में अन्तत: पुनः समय बदला सम्राट विक्रमादित्य का युग प्रारंभ हुआ। वे बाल्य अवस्था में ही जन कल्याण को उन्मुख थे। आचार्य चन्द्रगुप्त से दीक्षा लेकर शासन के सूत्र अपने हाथ में लिए।