अपनों के सुख समृद्धि के लिए कष्ट सहते हुए आनंद के साथ व्रत रखने वाली माता-बहनों को मेरा नमन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छठ पूजा में सूर्य उपासना, परिवार के स्वास्थ्य और जीवन के दीर्घायु के संकल्प का प्रतीक है। त्रेता युग से भगवान श्रीराम  की लम्बी आयु की कामना से यह छठ पूजा आरम्भ हुई। माताएं-बहनें अपनी आस्था एवं संस्कारों के साथ इस पर्व को मनाती हैं। हमारी मातृशक्ति अपने परिवार के कष्टों को दूर करने और सुख समृद्धि के लिए आनंद के साथ जीवन के कष्टों को सहन करते हुए यह व्रत रखती हैं। मैं इन माता-बहनों को नमन करता हूं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर के मन कामनेश्वर महादेव उद्यान में पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान द्वारा आयोजित छठ महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने जलाभिषेक कर छठ पूजन किया। छठ महोत्सव में एक साथ बड़ी संख्या में माताओं-बहनों ने जलकुंड में उतरकर छठ पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित सभी माता-बहनों, नागरिकों के साथ ही प्रदेशवासियों को छठ पूजन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

छठ महापर्व सूर्य उपासना के साथ समाज में मातृशक्ति की भक्ति और शक्ति का प्रतीक

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छठ पर्व सामाजिक एकता, आस्था और लोक परंपरा का अद्वितीय संगम है। छठ पूजा विशेष रूप से बिहार एवं पूर्वांचल क्षेत्र के लिए यह प्रमुख पर्व है। बिहार से मालवांचल का संबंध लगभग एक हजार साल पुराना है और हमारे रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। अब यह पर्व पूरे देश में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया जाने लगा है। इंदौर में ही आज लगभग 200 से ज्यादा स्थानों पर छठ पूजन के कार्यक्रम हो रहे हैं। छठ पर्व हमारी सांस्कृतिक विविधता और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को और मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व आस्था, संयम और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। यह पर्व समाज में सामूहिकता, अनुशासन और सांस्कृतिक एकता का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी धार्मिक और  सांस्कृतिक आयोजनों के सम्मान और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। छठ महापर्व सूर्य उपासना के साथ समाज में मातृशक्ति की भक्ति और शक्ति का भी प्रतीक है।

माता-बहनों की आस्था और सुविधा के लिये प्रदेश में एक नहीं हजार कुण्ड बनाएंगे

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे देश में सनातन परम्परा आदिकाल से चली आ रही है। यहां पर हमारी माताएं-बहनें संस्कार और संस्कृति का पालन करते हुए व्रत रखती है और देवी-देवताओं की पूजा करती हैं। उन्होंने कहा कि भारत ही ऐसा देश है जहां इस तरह की पूजा कर माताएं-बहनें अपने पति की लम्बी आयु और परिवार की सुख समृद्धि के लिये व्रत रखती हैं। यही हमारी भारतीय परम्परा और संस्कार है। उन्होंने कहा कि माता-बहनों की आस्था और सुविधा के लिये प्रदेश में एक नहीं हजार कुण्ड बनाएंगे।