प्रदेश में इंजीनियर्स रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट होगा स्थापित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में अभियंताओं को नवीन तकनीक और कार्यपद्धति का प्रशिक्षण देकर कार्यक्षमता में वृद्धि करने के उद्देश्य से इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पीएम गति शक्ति जैसे अनेक कार्यों से इंजीनियर्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने हर चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में इंजीनियर्स का उत्साहवर्धन किया है। देश के अभियंताओं ने चिनाब ब्रिज जैसे निर्माण कर हर अवसर पर अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग ने लोक कल्याण की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में लोक कल्याण से लोक निर्माण के संकल्प के साथ आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और सर विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण किया।

भारतीय संसद के दोनों भवन मध्यप्रदेश की प्राचीन संरचनाओं से प्रेरित हैं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभियंता का अर्थ है आरंभकर्ता और हमारे इंजीनियर शुभारंभकर्ता हैं। सृष्टि का सबसे बड़ा अभियंता ईश्वर है, उन्होंने ही यह संसार रचा है। सृष्टि की इस संरचाना के संचालन को अभियंताओं ने ही संभव बनाया है। भारतीय ज्ञान परम्परा में हमें कई अभियंताओं के योगदान की जानकारी प्राप्त होती है। भगवान विश्वकर्मा को तकनीक और अभियांत्रिकी का आराध्य माना जाता है। भारतीय संसद के दोनों भवन भी मध्यप्रदेश की प्राचीन संरचनाओं से प्रेरित हैं। इंजीनियर्स एक प्रकार से हनुमान जी के समान है, जो कठिन से कठिन कार्य को सरल बनाने की क्षमता और योग्यता रखते हैं। सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने 20वीं शताब्दी में देश के कठिन समय में अभियांत्रिकी के नए कीर्तिमान गढ़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु के योगदान का भी स्मरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्मानित होने वाले सभी अभियंताओं और संविदाकारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

सर विश्वेश्वरैया को भारतीय अभियंता समाज का सदैव मार्गदर्शक माना जाएगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महान अभियंता, आधुनिक भारत के विश्वकर्मा, 'भारत रत्न' डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने तकनीक को विकास और जनकल्याण का सशक्त माध्यम बनाया। उनके योगदान से देश को विश्व स्तरीय इंजीनियरिंग दृष्टिकोण प्राप्त हुआ। सर विश्वेश्वरैया को भारतीय अभियंता समाज का सदैव मार्गदर्शक माना जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वेश्वरैया की दूरदर्शिता, परिश्रम एवं अभियांत्रिकी कौशल, सशक्त व समृद्ध राष्ट्र निर्माण के संकल्प के लिए प्रेरणादायी है।