इन्दौर की पातालपानी-कालाकुड रेलवे ट्रैक हेरिटेज घोषित, ग्वालियर नेरोगंज ट्रेन हुई गायब, 147 वर्ष पुराने मीटर गेट को मिली नयी उपलब्धि

इंदौर. 147 वर्ष पुराने पातालपानी-कालाकुण्ड मीटर गेज सेक्शन को रेलवे ने हेरिटेज घोषित किया है। पश्चिम रेलवे का यह पहला रूट है, जिसे हेरिटेज घोषित किया गया है। अभी यहां हेरिटेज ट्रेन चलाई जा रही है। यह रेलवे यह ट्रैक पहाड़ों में चलने वाली ट्रेनों में सबसे पुराना है। इसकी शुरूआत 1 जुलाई 1878 में हुई थी।
जबकि कालका-शिमला रेलरूट 9 नवम्बर 1903, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे टॉय ट्रेन सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग 4 जुलाई 1888, नीलगिरि माउंटेन रेलवे मेट्टुपालयम से ऊटी जून 1899, माथेरन रेलवे नेराल से माथरेन वर्ष 1907 में शुरू हुआ था।
रोमांच से भरा है पूरा ट्रैक
पातालपानी से कालाकुंड के बीच का पूरा रेल रूट पहाड़ों पर बना है।
इसमें चार टनल, पातालपानी झरना, नदियां व हरी-भरी वादियां सफर काे रोमांचक बनाती है।
कालाकुंड से पातालपानी जब ट्रेन आती है ताे दोनों तरफ इंजन लगाया जाता है।
ग्वालियर नेरोगेज ट्रेन चढ़ा राजनीति की बलि
आपको बताना मुनासिब होगा कि ग्वालियर नेरोगेज यानी ग्वालियर की मेट्रो ट्रेन जो कि मुख्य रेलवे स्टेशन से लेकर गोले का मंदिर, मुरार से वापिस लौटती हुई ग्वालियर रेलवे स्टेशन वापिस आती थी। दूसरा ट्रैक ग्वालियर रेलवे स्टेशन से लेकर घोसीपुरा, जनकगंज तक जाती थी। लेकिन इसे कोई भी जिन्दा नहीं रख पाया और राजनीतिक खींचतान के बीच लुप्त हो गयी।
भारतीय रेल हेरिटेज लिस्ट
कांगड़ा वैली, माथेरान हिल, निलंबुर-शोरनूर लाइन, पातालपानी-कालाकुंड सेक्शन
ये रूट हेरिटेज साइट
दार्जिलिंग हिमालयन, नीलगिरि माउंटेन, कालका-शिमला
पातालपानी-कालाकुंड पश्चिम रेलवे का यह पहला रुट है, जिसे हेरिटेज सेक्शन घोषित किया है। अब इस रूट में टूरिज्म बढ़ाने के साथ ही इसे संरक्षित करेंगे । कई प्रकार के सौंदर्यीकरण के कार्य की प्लानिंग करेंगे।
अश्विनी कुमार, डीआरएम, रतलाम मंडल