भारतीय नायकों के गौरवशाली इतिहास से युवाओं को परिचित कराने का नाटक सशक्त माध्यम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वास्तव में नाटक कला अनूठी है। नाटकों के माध्यम से भारतीय इतिहास के गौरवशाली व्यक्तित्वों की जानकारी वर्तमान पीढ़ी को प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग की संस्था मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के सहयोग से रवीन्द्र भवन में आयोजित छह दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री रामकृष्ण कुसमरिया, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री रघुनंदन शर्मा, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिवशेखर शुक्ला, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक श्री चितरंजन त्रिपाठी, फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य सुश्री वाणी त्रिपाठी और अन्य अतिथि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह संयोग है कि वे हरिहर की नगरी से आते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की चौदह विद्याओं और चौसठ कलाओं में नाट्य शास्त्र के सभी आयाम शामिल हैं। उज्जैन ऐसी नगरी है, जहां भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा हुई साथ ही महाकाल की नगरी होने का आशीर्वाद भी इसे मिला है। उज्जैन में श्रावण माह, कार्तिक माह और अन्य अवसरों पर होने वाले आयोजन अनूठे होते हैं। हमारे इतिहास में जहां राष्ट्र के दुर्बल होने के निराशाजनक उदाहरण देखने को मिलते हैं, वहीं हमारे समर्थ होने के भी प्रमाण मिलते हैं। विदेशी आक्रांताओं ने आराध्य स्थलों को नष्ट करने और प्रतिमाएं अन्य देशों में ले जाने का कृत्य किया, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे पराक्रमी और राष्ट्रप्रेमी शासकों ने उन प्रतीकों को पुन: स्वदेश लाने का कार्य भी किया।