वनों को समाप्त करने का दुष्परिणाम है, जलवायु परिवर्तन : राज्यपाल श्री पटेल

वर्तमान समय में मौसम कुछ ऐसा चल रहा है कि सुबह ठंड लगती है, दोपहर में तेज गर्मी एवं शाम होने तक बारिश होने लगती है। यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के लिए हम मनुष्य ही दोषी हैं, क्योंकि हमने वनों को काटकर उन्हें समाप्त कर दिया है। प्रकृति ने हर मौसम के लिए चार माह का समय निर्धारित किया है, परन्तु मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए वनों को समाप्त कर प्रकृति के चक्र में अवरोध उत्पन्न किया है। वर्तमान में मौसम का जो स्वरूप है उसके लिए यह आवश्यक है कि हम सभी अधिक से अधिक पेड़ लगाकर प्रकृति का पुनः श्रृंगार करें।

राज्यपाल श्री पटेल ने उक्त बातें रविवार को बड़वानी जिले की राजपुर तहसील के ग्राम पंचायत इंदरपुर के ग्राम लोटनदेव में गुजराती चारण समाज न्यास द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, परन्तु मनुष्य ने तो सिर्फ लिया ही लिया है। प्रकृति में मनुष्य की हर राशि, नक्षत्र के हिसाब से भी पेड़ निर्धारित हैं। अगर हर व्यक्ति वर्षाकाल में मात्र दो ही पेड़ लगाकर उन्हें बड़ा करे तो जलवायु परिवर्तन की स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है, अन्यथा इसी तरह वनों का दोहन होता रहा तो आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन की भयावह स्थिति हमारे समक्ष होगी और हम उसका सामना भी नहीं कर पायेंगे।

बालिका शिक्षा पर दिया जोर

राज्यपाल श्री पटेल ने अपने उद्बोधन में बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि परिवार एवं समाज के उत्थान के लिए सभी लोग अपनी बेटियों को अनिवार्य रूप से शिक्षित करें क्योंकि बेटी जब शिक्षित होगी तो वह अपने मायके एवं ससुराल दोनों का नाम रोशन करेगी। शिक्षा के कारण उसकी शादी अच्छे परिवार में होगी, जहां वह अपने बच्चों को भी शिक्षा देकर उनका भी जीवन संवारेगी। शिक्षित माता ही बच्चों में वे सभी संस्कारों को डाल सकती है जो आगे चलकर समाज और देश की उन्नति के लिए आवश्यक है, एक शिक्षित मां 100 शिक्षकों के बराबर है ।

आवड़ माता जी का किया पूजन अर्चन

ग्राम लोटनदेव पहुंचकर महामहिम राज्यपाल श्री पटेल ने सबसे पहले ग्राम में स्थित श्री आवड़ माताजी के मंदिर में पहुंचकर माताजी का पूजन अर्चन कर ग्रामवासियों के सुख एवं समृद्धि की कामना की। साथ ही मंदिर में उनके स्वागत में खड़ी चारण समुदाय की बालिकाओं के सिर पर हाथ रखकर उन्हे आर्शीवाद भी दिया। साथ ही महामहिम राज्यपाल ने मंदिर के समीप ही त्रिवेणी (पीपल, बरगद, नीम) पौधों का भी रोपण किया।