दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग के मास्टरमाइंड का एक और खुलासा, कब्जे की जमीन से कमाये रूपये अय्याशी में उड़ाता था

भोपाल. छात्राओं से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के मास्टरमाइंड फरहान खान के फंडिंग कनेक्शन की जांच के दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी के कब्जे से जमीन पर अवैध सर्विस स्टेशन और चाय नाश्ते की दुकान का संचालन कराता था।इन दोनों दुकानों से उसे 3-4 हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से कमाई होती थी। प्रभात चौराहे से जेके रोड जाने वाली सड़क पर अवैध रूप से कब्जा कर उसे 4 साल से ज्यादा समय तक 2 दुकानों का संचालन किया है।
नाले पर अतिक्रमण कर बनाई इन दुकानों को पिछले दिनों नगर निगम की टीम ने जमींदोज कर दिया। पुलिस ने सनसनीखेज दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के सभी आरोपियों के अकाउंट डिटेल्स की जांच की है। सबसे ज्यादा ट्रांजेक्शन फरहान के खातें में ही पाये गये हैं।
अकाउंट की 9 साल डिटेल्स निकाली
डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि फरहान की पिछले 9 वर्ष की अकाउंट डिटेल्स खंगाली हे। इसमें 49 लाख रूपये से ज्यादा लेन-देन की जानकारी सामने आयी है। इस संबंध में फरहान से बात की गयी थी। उसने पुलिस को बताया था कि वह सेकेण्ड हैंड गाडि़यों की डिलिंग के साथ ही प्रभात चौराहा के नजदीक 2 दुकानों का संचालन करता था। इस तरह वह माह के लगभग 80 हजार से 1 लाख रूपये तक कमा लिया करता था। फिलहाल उसके खाते में किसी संदिग्ध लेन-देन नहीं पाया गया है।
डसके 2 बैंक खातों में एक लगभग 3 हजार और दूसरे में 10 हजार से ज्यादा नगदी मौजूद है। 9 साल के अन्दर उसके खाते में सबसे ज्यादा रकम डेढ़ लाख रूपये आयी है। जो उसके प्रायवेट फायनेंस कम्पनी से लोन लिया था। इसके अलावा कई सारे ट्रांजेक्शन 40-50 हजार रूपये के मिले हैं। इस संबंध में फरहान ने बताया कि वह सेकेण्ड हैंड गाड़ी बेचने और खरीदने के लिये यह रकम उसके खाते में आती और जाती थी।
नबील, साद, साहिल और अली के खातों में क्या मिला?
पुलिस ने बिहार के रहने वाले आरोपी नबील के खाते की जांच कराई तो पाया कि खाते में 10-15 हजार रुपए तक प्रति माह के हिसाब से रकम आती थी। यह रकम उसके परिजन खर्च के लिए भेजा करते थे। बीच में कई बार उसके खाते में 40 से 50 हजार रुपए तक बिहार के एक खाते से आए, यह रकम उसके पिता कॉलेज फीस के लिए भेजा करते थे। इसी तरह साद के खाते में भी पुलिस को कोई खास ट्रांजैक्शन नहीं मिले हैं। अली और साहिल के खातों में भी मामूली ट्रांजैक्शन ही पुलिस को मिले हैं।