मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने की जबलपुर, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में चल रही चुनावी तैयारियों की समीक्षा

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन के लिये शिकायतों के निराकरण की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने तथा निर्वाचन सबंधी अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन सबन्धी शिकायतों का गुणवत्ता पूर्ण निराकरण हो इसके लिये जिला निर्वाचन अधिकारियों को समय-समय पर इनकी मॉनिटरिंग करनी होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने गर्मियों को देखते हुये मतदान केंद्रों पर जरूरी व्यवस्थायें करने तथा सेक्टर अधिकारियों के पास मेडिकल किट एवं दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं।

श्री राजन मंगलवार को होटल कलचुरी में आयोजित जबलपुर संभाग के जिलों में चल रही लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में निर्वाचन आयोग के नोडल अधिकारी पुलिस श्री अंशुमान सिंह, सयुंक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश श्री विवेक श्रोत्रिय, आयुक्त जबलपुर संभाग श्री अभय वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक श्री अनिल कुशवाहा तथा संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद थे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने जबलपुर संभाग के जिलों की समीक्षा के बाद दोपहर को दूसरे सत्र में रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में लोकसभा चुनाव की चल रही तैयारियों की समीक्षा की।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने बैठक में आदर्श आचरण संहिता सहित निर्वाचन नियमों के उल्लंघन के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने ऐसे प्रत्येक तत्व पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने की हिदायत दी जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान अशांति पैदा करने का प्रयास कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आपराधिक तत्वों के विरुद्ध अभी तक की गई कार्यवाही का जिले वार ब्यौरा भी बैठक में लिया। उन्होंने संवेदनशील और वल्नरेबल क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त करने तथा मतदाताओं को डराने, धमकाने या प्रलोभन देने की शिकायतों अथवा सूचनाओं पर तत्काल और सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जबलपुर सहित ऐसे जिलों में जहां कुछ दिनों बाद चुनाव होना है चेक पोस्ट पर और सख्ती बरतने तथा वाहनों की सघन तलाशी करने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने मतदान के 48 घण्टे पूर्व की एसओपी का भी कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सुचारू मतदान के लिये कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ऐसी लोकेशन का स्वयं जाकर निरीक्षण करें, जहां पाँच से अधिक मतदान केंद्र हैं। उन्होंने वल्नरेबल और क्रिटिकल मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े उपाय करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि निर्वाचन आयोग ने अब आवश्यकता अनुसार बेवकास्टिंग के लिये कुल मतदान केन्द्रों की संख्या के 75 प्रतिशत के बराबर कैमरे लगाने की अनुमति प्रदान कर दी है। बेवकास्टिंग के लिये कैमरे मतदान केंद्र के भीतर और बाहर भी लगाये जा सकेंगे।

श्री राजन ने संभाग के प्रत्येक जिले में निर्वाचन नियमों के उल्लंघन के अभी तक दर्ज हुये प्रकरणों, आपराधिक तत्वों के विरुद्ध की गई प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही की जानकारी भी ली। उन्होंने निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, बहुमूल्य धातुओं और निषिद्ध वस्तुओं के परिवहन को रोकने, चेक पोस्ट पर वाहनों की सघन तलाशी लेने पर बल दिया।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने "सी-विजिल एप" का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिये, ताकि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आने पर नागरिक तत्काल मौके से ही उसकी शिकायत मोबाइल एप से कर सकें। श्री राजन ने बैठक में मतदान दिवस की तैयारियों की जिले वार समीक्षा भी की। उन्होंने 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं एवं दिव्यांग मतदाताओं को मतदान की सुविधा संबंधी व्यवस्थाओं के भी व्यापक प्रचार के निर्देश दिये। मतदान के दिन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने जिलों में बनाये गये कम्युनिकेशन प्लान पर भी उन्होंने चर्चा की।

श्री राजन ने उन लोकसभा क्षेत्रों में जहां उम्मीदवारों की संख्या नोटा सहित 15 से अधिक होने के कारण मतदान में दो-दो बैलट यूनिट की आवश्यकता होगी, वहां मतदान दलों को ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान दलों के साथ-साथ सेक्टर अधिकारियों को भी ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट मशीनों को आपस में कनेक्ट करने हैड्स ऑन ट्रेनिंग दी जाये।