RBI Monetary Policy: ब्याज दरों में बदलाव नहीं, जानिए बैंक लोन EMI और एफडी रिटर्न पर क्या होगा असर?

RBI Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नीतिगत दरों यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक के बाद पॉलिसी रेट को लेकर ऐलान किया. उन्होंने कहा कि रेपो रेट में कटौती नहीं की गई है इसलिए नीतिगत ब्याज दरें 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेंगी.

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के नेतृत्व वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो को 6.5% पर बरकरार रखा. यह लगातार छठवीं बार है जब केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग हर दो महीने में होती है. RBI ने इससे पहले दिसंबर हुई बैठक में भी रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी व कटौती नहीं की थी.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सरकार और सेंट्रल बैंक के प्रयासों से महंगाई दर में कमी आई है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत, 2024-25 के लिए 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. वित्तीय वर्ष 2024 में रियल जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी रहेगा. इससे पहले एक्‍सपर्ट्स ने अनुमान जताया था कि सेंट्रल बैंक मॉनेटरी पॉलिसी में पॉलिसी रेट में शायद ही कोई बदलाव करे, क्योंकि खुदरा महंगाई अब भी संतोषजनक दायरे के ऊपरी स्तर के करीब है. रिजर्व बैंक ने करीब एक साल से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है. इसे आखिरी बार फरवरी 2023 में 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया था.

ब्याज दरें 6.50 फीसदी के स्तर पर स्थिर रहने के कारण बैंकों से मिलने वाला कर्ज और बचत योजनाओं पर मिलने वाले इंटरेस्ट में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. आरबीआई के बेंचमार्क रेट से बैंक और एनबीएफसी ब्याज दरों में बढ़ोतरी व कटौती करती हैं.