श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल, 20 करोड़ कर्मचारी शामिल

केंद्र सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. वहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई छात्र संगठनों ने प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के खिलाफ प्रभावशाली छात्र संगठन की ओर से बुलाए गए बंद का समर्थन किया है.


बैंक कर्मचारी यूनियन, श्रमिक संगठनों, नॉर्थ ईस्ट में सिटिजनशिप बिल के विरोध में तमाम संगठनों ने 8 और 9 जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया है. इसके चलते लोगों को बैंक संबंधी कामों को लेकर कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि इन दो दिनों के दौरान देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में संभवत: कामकाज होगा जिसकी 85,000 शाखाएं हैं. कुछ अन्य नेशनल बैंकों में भी सामान्य कामकाज होने की उम्मीद है.

सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. संघों ने जारी संयुक्त बयान में इसकी जानकारी दी कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे. एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने सोमवार को 10 केंद्रीय श्रमिक संघों की एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा, दो दिन की हड़ताल के लिए 10 केंद्रीय श्रमिक संघों ने हाथ मिलाया है. हमें इसमें 20 करोड़ श्रमिकों के शामिल होने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत सरकार की जनविरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल में सबसे ज्यादा संख्या में संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे. दूरसंचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंकिंग, बीमा और परिवहन क्षेत्र के लोगों के इस हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है. कौर ने कहा, हम बुधवार को नई दिल्ली में मंडी हाउस से संसद भवन तक विरोध जुलूस निकालेंगे. इसी तरह के अन्य अभियान देशभर में चलाए जाएंगे.