प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्रियों को भी समान अधिकार का निर्णय

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि स्वर्गीय श्री आर. एस. राठौर, अपर संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी की कोरोना संक्रमण के कारण 19 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप उनकी विवाहित पुत्री श्रीमती श्रद्धा मालवी को पात्रता न होते हुए भी मानवीय आधार एवं उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर के निर्णय के अनुक्रम में विशेष प्रकरण मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाये।

सामान्य प्रशासन विभाग जारी अनुकंपा संबंधी आदेश 29 सितम्बर 2014 के प्रावधानों में मंत्रि-परिषद द्वारा यह नीतिगत निर्णय भी लिया गया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्र एवं पुत्री दोनों को समान अधिकार हैं, चाहे पुत्रियाँ विवाहित ही क्यों न हों। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग नीति में आवश्यक संशोधन करें।

आवासहीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हित में सुराज नीति-2023 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने य मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान दवारा की गई घोषणा के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए सुराज कॉलोनी में आवास निर्माण मय आवश्यक अधो-संरचना कार्यों तथा सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने का निर्णय लिया। सुराज कालोनी निर्माण हेतु उचित वित्तीय संसाधन जुटाने तथा शहरी क्षेत्र के उक्त भूखंडों का सुसंगत एवं योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिए पुनर्घनत्वीकरण नीति-2022 की तर्ज पर "शासकीय भूमियों के अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उपलब्ध हुई भूमि पर आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए आवास निर्माण हेतु सुराज नीति-2023 का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदन किया। छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी के स्थान पर 450 वर्ग फीट तक के आवासीय पट्टे भी कॉलोनी विकसित कर दिए जा सकेंगे।

विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम

मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी विभाग में वर्ष 2022-23 में “मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना’’ में 150 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति विशेषकर बैगा जनजाति को पशुपालन से जोड़ने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन करने एवं इसमें हितग्राहियों को दुधारू पशु प्रदाय करने के लिए मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम को पशुपालन विकास योजना में सम्मिलित किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों को पशुपालन से जोड़ कर रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम के क्रियान्वयन के बाद राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों को रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही दूध के रूप में संपूर्ण पोषण आहार प्राप्त होगा। पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत पूर्व में मंत्रि-परिषद से स्वीकृत मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में समाहित विशेष पिछड़ी जनजातियों हेतु स्वीकृत घटक "मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम" में संशोधन किए गए हैं। अब इस योजना में मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम में बैगा जनजाति के साथ सहरिया और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियों को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम में दुधारू गाय की इकाई के साथ दुधारू भैंस की इकाई को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम में दुधारू गाय के साथ दुधारू भैंस को भी सम्मिलित करने के परिप्रेक्ष्य में योजना का नाम "मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम" के स्थान पर "विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’’ किया गया।