लाल पुल से हरसिद्धि सड़क मार्ग का नाम अब ब्रह्मलीन पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज होगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को उज्जैन में सद्गुरूदेव ब्रह्मलीन पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए और उनके श्रीचरणों में प्रणाम किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री सत्यमित्रानंद गिरि महाराज का तेज ओजस्वी था। उनकी वाणी सुनते थे तो साक्षात स्वामी विवेकानंद जैसी वाणी सुनाई देती थी। एक नई ऊर्जा का प्रवाहमान था। ऐसे ओजस्वी एवं सनातन धर्म की ध्वजा को फहराने में अग्रणी श्री गिरि महाराज को श्रद्धा सहित नमन करता हूँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के तीन मार्ग हैं- ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग तथा कर्म मार्ग। ये तीनों त्रिवेणी स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज में थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घोषणा की कि लाल पुल से हरसिद्धि मंदिर तक सड़क मार्ग का नाम अब ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानंद गिरिजी मार्ग होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानंद गिरि महाराज हमेशा जगत के हित के कल्याणकारी कामों में लगे रहते थे। उन्होंने समाज में सत् कार्यों की जागरूकता के प्रसार का काम किया। उन्होंने भारत माता का अद्भुत मन्दिर बनवाया। आज उनकी प्रतिमा का उज्जयिनी में अनावरण हुआ है। वे सदैव हमारे मन में रहेंगे।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान, जूना पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी, स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी, स्वामी पुण्यानंद गिरि जी, स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी, स्वामी चिदानंद महाराज, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री अनिल फिरोजिया सहित विधायक और जन-प्रतिनिधियों ने ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। छत्रसाल युनिवर्सिटी के अध्यक्ष एवं कुलपति डॉ.टीआर थापक ने अतिथियों का स्वागत किया। समन्वय परिवार के सचिव श्री महेश कानड़ी ने कार्यक्रम की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज की मूर्ति बनाने वाले श्री नरेश भारद्वाज का सम्मान और पुस्तक का विमोचन किया गया।