MP में 12 प्रतिशत बढ़ सकती है पेंशनरों की महंगाई राहत

भोपाल. प्रदेश के साढ़े चार लाख से ज्यादा पेंशनर की महंगाई राहत में 12 प्रतिशत की वृद्धि करने की सरकार ने तैयारी कर ली है। इसके लिए वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति मांगी है, क्योंकि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 में यह प्रविधान है कि दोनों राज्यों से संबंधित वित्तीय मामलों में एक दूसरे की सहमति जरूरी है। यदि सहमति मिल जाती है तो पेंशनर को प्रतिमाह 34 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिलने लगेगी।

प्रदेश में पेंशनर को जून 2022 से 22 प्रतिशत महंगाई राहत मिल रही है। सितंबर से पेंशनर को 34 प्रतिशत महंगाई राहत देने का निर्णय लिया गया है। इसे क्रियान्वित करने के लिए वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग को सहमति के लिए पत्र लिखा है, ताकि आदेश जारी किया जा सके। उधर, छत्तीसग़़ढ सरकार ने 14 सितंबर को पेंशनर की महंगाई राहत छह प्रतिशत बढ़ा दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस बढ़ी हुई महंगाई राहत का लाभ पेंशनर को देने के संबंध में आदेश आगामी साह में जारी हो जाएगा। साथ ही जो छह प्रतिशत का अंतर बचेगा, उसके लिए सहमति हासिल करने के प्रयास किए जाएंगे।

दरअसल, राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के अनुसार राज्य को महंगाई राहत में वृद्धि करने से पूर्व सहमति लेनी होती है, क्योंकि इससे जो आर्थिक भार आता है उसका 74 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश और 26 प्रतिशत छत्तीसगढ़ वहन करता है। यह प्रविधान अविभाजित मध्य प्रदेश के पेंशनर पर लागू होता है। पेंशनर एसोसिएशन मध्य प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी का कहना है कि अविभाजित मध्य प्रदेश के पेंशनर की संख्या अब 50 हजार से भी कम है।