स्व-रोजगार के लिए संसाधन नहीं कौशल जरूरी : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि स्व-रोजगार के लिए ज्ञान, कौशल, मनोबल और आत्म-विश्वास का होना जरूरी है। उन्होंने देश के सफल उद्यमियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी ने बहुत छोटे स्तर से शुरूआत की थी। कड़ी मेहनत और आत्म-विश्वास से बड़ी सफलताएँ प्राप्त की है। राज्यपाल ने युवाओं का आहवान किया कि वे नौकरी के लिए प्रतीक्षा नहीं करें। प्राप्त कौशल द्वारा स्व-रोजगार की स्थापना करें।

राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में सांदीपनि सभागार में संसदीय संकुल परियोजना द्वारा ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरण कर संबोधित कर रहे थे। गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के अनूपपुर, झाबुआ, बैतूल, बड़वानी, खरगोन और धार जिले के जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र और समग्र स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र प्रदाय किए गए।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राष्ट्र विकास के प्रयासों में सहयोग और समर्थन हर व्यक्ति और समाज का दायित्व है। उन्होंने संकुल विकास परियोजना में जनजाति युवाओं के कौशल उन्नयन और ग्राम विकास के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के समग्र विकास का महत्वपूर्ण कारक कुशल जन-शक्ति है। युवाओं का कौशल विकास आत्म-निर्भर भारत की आधार शिला है, जो वर्तमान समय की राष्ट्रीय आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रोजगार परक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम द्वारा नियोजकों को रेडी-टू-वर्क मानव संसाधन स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण के लिए संस्थानों के मूल्यांकन और मॉनीटरिंग की नियमित व्यवस्था जरूरी है। प्रशिक्षण संस्थानों को बेहतर प्रदर्शन के लिए नियमित मार्ग-दर्शन और प्रोत्साहन भी दिया जाना चाहिए। प्रशिक्षण संस्थानों की कार्य-दक्षता में वृद्धि के लिए नवीन विधियों एवं तकनीकों के शोध और अनुसंधान के प्रयास भी होते रहने चाहिए। उन्होंने अपेक्षा की कि परियोजना में ग्रामीण जनजातीय युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार से जोड़ने और नई तकनीक एवं ज्ञान से अपडेट करना भी जरूरी है।