ट्रक की टक्कर से हुए लकवाग्रस्त, हौसला कायम रख बने भारत के पहले व्हीलचेयर फूड डिलीवरी मैन

चेन्नई. इंसान अगर कठिन से कठिन से हालात में अपना हौसला कायम रखे तो हर विपरीत परिस्थिति से मुकाबला करने की कोई न कोई राह खोज सकता है. ऐसे ही लोगों में शामिल हैं चेन्नई के 37 वर्षीय गणेश मुरुगन जो व्हीलचेयर पर लोगों को खाना पहुंचाते हैं. लगभग छह साल पहले एक ट्रक की चपेट में आने से गणेश मुरुगन की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी. जिससे वह आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे. इस हादसे के बाद भी अपने हौसले को बरकरार रखते हुए गणेश मुरुगन मोटर से चलने वाली एक व्हीलचेयर का सहारा लेकर डिलीवरी मैन की अपनी नौकरी को करते रहने में सफल रहे हैं.

food.ndtv.com की एक खबर के मुताबिक गणेश मुरुगन की इस कहानी को आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है. दीपांशु काबरा ने यह भी बताया कि मोटर से चलने वाली गणेश मुरुगन की 2-इन-1 व्हीलचेयर को आईआईटी मद्रास के एक स्टार्ट-अप ने डिजाइन किया था. इस व्हीलचेयर में एक पुश बटन होता है. जो व्हीलचेयर को उसके मोटर से अलग कर देता है. फिर इसे साधारण व्हीलचेयर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे गणेश को ऊंची इमारतों और अन्य जगहों तक पहुंचने में मदद मिलती है, जहां उनके लिए पहुंचना मुश्किल हो सकता था.
दीपांशु काबरा ने यह भी बताया कि बैटरी से चलने वाली इस व्हीलचेयर को चार्ज होने में चार घंटे लगते हैं और यह 25 किलोमीटर तक चल सकती है. आईआईटी मद्रास के स्टार्ट-अप ने अब तक ऐसी 1300 व्हीलचेयर बनाई हैं. मुरुगन की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा कि ‘गणेश मुरुगन उन सभी के लिए एक प्रेरणा हैं, जो मुश्किलों से लड़ने के बजाय हार जाते हैं.’ इंटरनेट पर कई हिम्मती लोगों की ऐसी प्रेरक कहानियां मिलती हैं, जो अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं. गणेश मुरुगन उनमें से एक ऐसे डिलीवरी मैन हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी बाधाओं के बावजूद लोगों को घरों के दरवाजे पर खाना मिले.