नशा बेचने वालों की टांगे तोड़ने का फरमान, पंचायत ने पुलिस को बीच में न आने की दी चेतावनी

पूरे देश में नशाखोरी (Drug abuse) की बदनामी का दंश झेल रहे पंजाब (Punjab) में जहां पुलिस ड्रग माफिया (Drug mafia) पर नकेल कसने में नाकामयाब रही है. वहीं अब इस काम को जनता ने अपने ही स्तर पर निपटने के लिए कमर कस ली है. बठिंडा की कालझरानी पंचायत (Kaljharani Panchayat of Bathinda) ने नशे के सौदागरों को सबक सिखाने के लिए एक फरमान (Decree of Panchayat) जारी किया है, जिसके मुताबिक किसी भी तरह का नशा या चिट्टा बेचने वालों की लोग टांगे तोड़कर उन्हें घर घर बिठा देंगे.

कालझरानी के लोगों ने इस मामले से पुलिस और प्रशासन (Police and administration) को भी दूर रहने की हिदायत दी है. महिला सरपंच के पति ने खुले मंच से माइक पर यह चेतावनी जारी की है. लोगों के आरोप है कि पुलिस नशे के सौदागरों से निपटने में नाकामयाब रही है. पुलिस जिन्हें नशा बेचने के आरोप में गिरफ्तार करती है वे सप्ताह भर में जमानत पर छूट जाते हैं और फिर नशा बेचना शुरू कर देते हैं. पंचायत के लोगों ने नशा करने और बेचने वाले के घर जाकर उन्हें समझाने की कोशिश की है और चेतावनी दी है यदि वे हरकतों से बाज नहीं आते हैं तो उनकी टांगे तोड़ दी जाएंगी.

पंचायत ने अपने फरमान में यह भी कहा है कि कोई नशा छोड़ना चाहता है तो उसकी पंचायत की तरफ से पूरी मदद की जाएगी. कालझरानी गांव में चिट्टे के नशे को लेकर कई बार आवाज उठाई जा चुकी है. इस बार लोगों ने इसे पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया है.

क्या होता है चिट्टा ?

लोगों का आरोप है कि पुलिस नशा करने वालों और नशा करने वालों को नहीं पकड़ती है. चिट्टा ऐसा नशा है कि एक-दो बार इसका सेवन करने पर व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है और इससे निजात पाने के लिए कई बार मरीज को भर्ती भी करना पड़ता है. सफेद पाउडर जैसा दिखने वाला यह नशीला पदार्थ एक तरह का सिंथेटिक ड्रग है. ये दवाएं हेरोइन के साथ कुछ रसायनों को मिलाकर तैयार की जाती हैं.