अमेरिका ने भारतीय प्रोफेशनल्स को दी राहत, H-1B वीजा के लिए इंटरव्यू से मिली छूट

वॉशिंगटन. अमेरिका ने साल 2022 के लिए कई वीजा आवेदकों के पर्सनल इंटरव्यू के प्रोसेस को खत्म करने का फैसला लिया है. इसमें H-1B वीजा के साथ आने वाले कर्मचारी और छात्र शामिल हैं. इसकी जानकारी विदेश विभाग ने दी है. विदेश विभाग ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि उसने इसी क्षेत्री के वीजा धारकों के अपने वीजा को रिन्यू (Visa Renewal) कराने के मामले में भी इंटरव्यू में छूट दे दी गई है. अमेरिकी सरकार के इस कदम से दुनियाभर से आवेदन करने वाले लोगों को राहत मिलेगी. जिसमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय और चीनी नागरिकों की होती है.

प्रेस रिलीज में गुरुवार को कहा गया, ‘हमें ये घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि कांसुलर अधिकारियों को अस्थायी रूप से मंजूरी दी गई है कि वह 31 दिसंबर, 2022 तक निम्नलिखित श्रेणियों में कुछ व्यक्तिगत पिटिशन-आधारित गैर-आप्रवासी वर्क वीजा के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार से राहत देंगे. इनमें एच-1B वीजा, एच -3 वीजा, एल वीजा, ओ वीजा (US Visa News Update) शामिल हैं.’

बयान में कहा गया है, ‘विभाग की वीजा प्रोसेसिंग क्षमता में कोविड-19 महामारी के कारण कमी देखने को मिली है. जैसा की वैश्विक यात्रा फिर से शुरू हो रही है, तो ऐसे में हम ये अस्थायी कदम उठा रहे हैं. ताकि वीजा के लिए इंतजार के समय को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से कम किया जा सके. इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को हम अपनी प्राथमिकता बनाए रखेंगे.’

इनमें भी दी गई है छूट

कांसुलर अधिकारियों को अब लगभग एक दर्जन वीजा श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार से छूट देने के लिए अस्थायी रूप से मंजूरी दी गई है. जिसमें गैर-आव्रजन वीजा (H-1B वीजा), छात्रों के लिए वीजा, अस्थायी कृषि और गैर-कृषि कर्मचारी, स्टीडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, एथलीट, कलाकार और मनोरंजन जैसी श्रेणियों से संबंधित वीजा शामिल हैं.

कौन सा वीजा ज्यादा चर्चा में?

इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले एच-1बी वीजा (What is H-B Visa) को लेकर साक्षात्कार में छूट दी गई है. यह एक गैर-आव्रजन वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को रोजगार देने की इजाजत देता है. इनके बूते प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर वर्ष हजारों लोगों को नौकरी पर रखती हैं. एच-1बी वीजा की भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक मांग है. इसके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है.